ट्रंप का एकाउंट सस्पेंड होने पर बौखलाई बीजेपी, ट्विटर के खिलाफ छेड़ा अभियान
बीजेपी नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ ट्विटर की कार्रवाई का किया विरोध, कांग्रेस बोली अमित मालवीय और कपिल मिश्रा जैसे झूठ और नफ़रत फैलाने वालों पर भी हो कार्रवाई

नई दिल्ली। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया है। कंपनी की ओर से यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ट्रंप लगातार सोशल मीडिया पर झूठ बोलकर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने वाली बातें फैला रहे थे। ट्विटर के इस फैसले का जहां दुनियाभर में स्वागत हो रहा है, वहीं बीजेपी नेता इससे बौखलाए हुए हैं। इतना ही नहीं, बीजेपी ने इस मसले पर ट्रंप का समर्थन करते हुए ट्विटर के खिलाफ अभियान तक छेड़ दिया है।
बीजेपी नेता लगातार कह रहे हैं कि ट्विटर ने जिस तरह ट्रंप के एकाउंट को ब्लॉक किया वह ठीक नहीं है। बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद तेजस्वी सूर्या ने ट्विटर के इस निर्णय को खतरनाक बताया है। सूर्या ने ट्वीट किया है, 'जो लोग अबतक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि ये अनियंत्रित बड़ी टेक कंपनियां हमारे। लोकतंत्र के लिए खतरा हैं, उनके लिए यह निश्चित ही एक वेकअप कॉल है। जब ट्विटर अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ऐसा कर सकता है तो किसी के साथ भी कर सकता है।' तेजस्वी ने यह बात ट्विटर सेफ्टी के उस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कही, जिसमें बताया गया कि ट्रंप का अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
This must be wake up call for all who don’t yet understand threat to our democracies by unregulated big tech companies.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) January 9, 2021
If they can do this to POTUS, they can do this to anyone.
Sooner India reviews intermediaries regulations, better for our democracy.@GoI_MeitY https://t.co/SWzaBfycJ8
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस मसले पर डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हुए ट्विटर पर भड़ास निकाली है। मालवीय ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के एकाउंट को सस्पेंड करके ट्विटर ने एक खतरनाक मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि कंपनी का इस फैसले का संबंध ट्रंप के विचारों से कम और विपरीत विचारों के प्रति असहिष्णुता से ज्यादा है। विडंबना यह है कि जो लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी के चैंपियन बनते हैं, वही आज जश्न मना रहे हैं। बड़ी टेक कंपनियां अब नया शासक वर्ग बनकर उभरी हैं।'
Deplatforming Donald Trump, a sitting US president, sets a dangerous precedent.
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 9, 2021
It has less to do with his views and more to do with intolerance for a differing point. Ironically, those who claim to champion free speech are celebrating.
Big tech firms are now the new oligarchs.
गौरतलब है कि हाल ही में ट्विटर ने अमित मालवीय के एक झूठे ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया यानी 'छेड़छाड़ करके बनाए गए वीडियो' का लेबल लगा दिया था। यह पहली घटना थी जब ट्विटर ने भारत में किसी ट्वीट पर फेक न्यूज का लेबल लगाया हो। दरअसल, अमित मालवीय ने बीते 28 नवंबर को फैक्ट चेक का एक वीडियो पोस्ट किया था जिसे उन्होंने प्रोपेगैंडा वर्सेज रियलिटी नाम दिया था। इस वीडियो के माध्यम से वह राहुल गांधी के उस ट्वीट को झूठा साबित करने का प्रयास कर रहे थे जिसमें राहुल ने एक किसान की तस्वीर साझा की थी। किसान आंदोलन के शुरुआती दिनों की इस तस्वीर में एक सुरक्षाकर्मी बुजुर्ग किसान पर लाठियां चलाता नजर आ रहा था। अमित मालवीय ने अपने वीडियो के जरिए दावा किया था कि सुरक्षा कर्मी ने बुजुर्ग किसान को लाठी नहीं मारी थी, जबकि हकीकत ये है कि ऐसा हुआ था। ट्विटर ने भी अपने लेबल के जरिए यही बताया था कि दरअसल अमित मालवीय जो दावा कर रहे हैं वो छेड़छाड़ किए वीडियो पर आधारित यानी झूठा है।
ट्रंप पर ट्विटर की कार्रवाई से बीजेपी में क्यों है बेचैनी
सवाल ये है कि आखिर अपने समर्थकों की भीड़ को उकसाकर अमेरिकी संसद पर हमला करवाने के आरोपों में घिरे डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर एकाउंट सस्पेंड होने से बीजेपी इतनी परेशान क्यों है? इसकी एक वजह तो यह हो सकती है कि ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड होने के बाद अब भारत में भी हिंसा भड़काने वालों के ट्विटर एकाउंट बंद करने की मांग तेज़ होने लगेगी। भारत में कई लोगों ने ट्विटर से मांग कर भी दी है कि उसे कपिल मिश्रा, अमित मालवीय व तेजस्वी सूर्या जैसे लोगों के एकाउंट पर भी कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि ये भी झूठ और नफरत फैलाकर हिंसा को बढ़ावा देने का काम करते हैं। कांग्रेस नेता श्रीवत्स ने कहा है कि भारत में नफरत स्वीकार्य नहीं है। अगली बार यदि अमित मालवीय व तेजस्वी सूर्या जैसे नेता लोगों के बीच हिंसा व नफरत फैलाते हैं तो उन्हें भी अमेरिका की तरह जवाबदेह ठहराया जाए।