नई दिल्ली। कोरोना काल में कैंसर के मरीजों को समय से इलाज़ न करा पाना बेहद महंगा पड़ रहा है। दिल्ली में काफी संख्या में कैंसर के मरीज अब अस्पताल में आ रहे हैं। इनमें अधिकांश लोग ऐसे हैं, जो कोरोना के चलते वक्त पर फॉलोअप ट्रीटमेंट और रेडिएशन थेरेपी नहीं करा पाए, जिससे उनका कैंसर पहली स्टेज से बिगड़कर सीधे तीसरी स्टेज पर जा पहुंचा है। दिल्ली के एम्स, सफदरजंग और अपोलो जैसे अस्पतालों में ऐसे ढेरों केस  सामने आ रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला पश्चिमी दिल्ली में सामने आया।  33 वर्षीय स्नेहा की फरवरी में स्तन कैंसर की सर्जरी कराई थी। डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद स्नेहा को रेडिएशन थेरेपी कराने की सलाह दी थी, ताकि कैंसर दोबारा ना उभरे। लेकिन स्नेहा कोरोना वायरस के चलते 6 महीने तक रेडिएशन थेरेपी कराने अस्पताल नहीं जा सकीं। पिछले महीने जब वे अस्पताल पहुंचीं, तो उनका कैंसर दोबारा उभर आया था। इतना ही नहीं कैंसर शरीर के दूसरे अंगों तक फैल गया था। अब डॉक्टरों को दोबारा सर्जरी करनी पड़ेगी और कैंसर की कोशिकाओं को पूरी तरह हटाने में काफी लंबा वक्त लगेगा।

एक और मामले में कैंसर के फैलने की वजह से मरीज का पैर काटना पड़ेगा। दरअसल 53 साल की शकुंतला का इलाज एम्स में चल रहा था। कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से उन्हें बिहार के मुजफ्फरपुर में अपने गांव वापस लौटना पड़ा। जिस वजह से शकुंतला फॉलोअप ट्रीटमेंट नहीं करा सकीं। अब उन्होंने एम्स में जांच कराई तो सामने आया कि कैंसर पैर की हड्डियों तक पहुंच चुका है। डॉक्टरों का कहना है कि ठीक समय पर इलाज ने मिलने की वजह से ऐसा हुआ है।

एम्स के कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर समीर रस्तोगी ने बताया कि ऐसे कई मरीज हैं जिन्होंने समय पर फॉलोअप नहीं करवाया और अब उनका कैंसर तीसरी स्टेज पर पहुंच चुका है। अपोलो अस्पताल के डॉक्टर एस एम शोएब जैदी का कहना है कि उनके यहां आने वाले 40 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिनका कैंसर वक्त पर फ़ॉलोअप नहीं कराने की वजह से तीसरी स्टेज पर पहुंच गया है। इनमें बड़ी संख्या उन बुजुर्ग मरीजों की भी है, जो कोरोना के कारण  लगी रुकावटों और लॉकडाउन के कारण नियमित रूप से इलाज़ नहीं करवा पाए।