नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने सीबीआई और ईडी के प्रमुखों का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र ने अध्यादेश लाकर दोनों जांच एजेंसियों के चीफ का कार्यकाल 2 से बढ़ाकर 5 साल कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद अब यह कानून बन गया है।

दरअसल, अबतक CBI और ईडी प्रमुखों का कार्यकाल दो साल का ही होता था। लेकिन सरकार ने नया अध्यादेश लागू कर दिया है जिसके मुताबिक दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद तीन साल के लिए हर साल शीर्ष एजेंसियों के प्रमुखों के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है। यानी साल दर साल उन्हें एक साल के लिए कार्यकाल विस्तार दिया जा सकता है।

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बता दें कि हाल ही में जस्टिस एलएन राव की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक एसके मिश्रा के कार्यकाल विस्तार से जुड़े मामले में निर्णय केवल असाधारण परिस्थितियों में कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय के चीफ के तौर पर उनका दो साल का कार्यकाल अगले हफ्ते 17 नवंबर को खत्म होगा।

केंद्र सरकार ने यह अध्यादेश ऐसे समय में लाया है, देश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों द्वारा लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग का कर रही है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सीबीआई, ईडी और अन्य जांच एजेंसियों के जरिये बीजेपी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, केंद्र इस बार से लगातार इनकार करती रही है कि एजेंसियों के काम में उसका दखल है। केंद्र के मुताबिक जांच एजेंसियां अपना काम कानून और नियमों के मुताबिक ही कर रही है।