नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रयागराज महाकुंभ पर वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने कुंभ के आयोजन को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कहीं, लेकिन उन्होंने महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वाले मृतकों को लेकर कुछ नहीं कहा। इसे लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने पीएम मोदी की आलोचना की है।

दरअसल, पीएम मोदी ने जब कुंभ के मृतकों को श्रद्धांजलि नहीं दी तो लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बोलने कोशिश की। हालांकि, उन्हें बोलने नहीं दिया गया। इसके बाद संसद के बाहर राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि, 'मैं प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करना चाहता था।कुंभ हमारी परंपरा है, इतिहास है, संस्कृति है। हमें एक शिकायत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि नहीं दी।'

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राहुल गांधी ने बेरोजगारी को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कुंभ में जाने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री से रोजगार भी चाहिए, प्रधानमंत्री को संसद में रोजगार के बारे में भी बोलना चाहिए था। संसद में बोलने का मौका नहीं दिए जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के बोलने के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत नेता विपक्ष को बोलने की इजाजत देनी चाहिए थी, लेकिन नहीं दी गई। ये 'न्यू इंडिया' है। 

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लोकसभा में महाकुंभ पर प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे। विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था क्योंकि विपक्ष की भी इसके (महाकुंभ) प्रति भावनाएं हैं और अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर कहा कि अगर पीएम मोदी जिन लोगों की मृत्यु हुई है उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ शब्द कहे होते तो उनके परिवारों को भी शांति मिलती। विपक्ष के नेता बोलना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वे विपक्ष के नेता को बोलने क्यों नहीं दे रहे हैं।