श्रीनगर। जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएसन के करोड़ों के घोटाले में ईडी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला से पूछताछ कर रही है। यह पूछताछ ऐसे समय में हो रही है, जब रिहा होने के बाद अब्दुल्ला ने राज्य में अपनी राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं। यह घोटाला 43 करोड़ रुपये का है और उस समय फारूख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएसन के अध्यक्ष थे। पूछताछ श्रीनगर में हो रही है और पूरी तरह से बैंक दस्तावेजों पर आधारित है।



ईडी का कहना है कि अब्दुल्ला का बयान मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत रिकॉर्ड किया जाएगा। दूसरी तरफ फारूख अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने इस पूछताछ को बदले की कार्रवाई बताया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "गुपकर घोषणापत्र पर एकता बनने के बाद यह और कुछ नहीं बल्कि बदले की कार्रवाई है। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि डॉ. साहब के घर पर कोई छापा नहीं पड़ा है।"





पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, "डॉ साहब को ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया जाना यह बताता है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की एकता को लेकर कितनी घबराई हुई है। यह पूरी तरह से बदले की कार्रवाई है। अपने अधिकारों के लिए हमारी लड़ाई का प्रण जरा भी नहीं डिगा है।"





दरअसल, बीसीसीआई ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएसन को 2002 से 2011 के बीच करीब 113 करोड़ रुपये दिए थे। आरोप है कि इसमें से 43.69 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई। आरोप है कि तत्ताकाली जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएसन अध्यक्ष ने संगठन के खजांची के साथ मिलकर इस मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया। 



इससे पहले 2015 में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने यह कहते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी कि राज्य की पुलिस मामले की जांच करने में विफल साबित हुई है। तीन साल बाद 2018 में सीबीआई ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें फारूख अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है। बाद में ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की तहकीकात शुरू की।