दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में आज एक और किसान शहीद हो गए। दिल्ली के टिकरी बॉर्डर से 7 किलोमीटर की दूरी पर आज राजबीर नामक किसान ने पेड़ से लटककर जान दे दी। 49 साल के राजबीर का शव पेड़ से लटका हुआ मिला। पुलिस को राजबीर के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में जान देने की बात कही है। राजबीर ने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि उनकी अंतिम इच्छा है कि सरकार किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस ले ले।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेड़ से राजबीर का शरीर लटका देखकर किसानों ने पुलिस को सूचना दी। खबरों में बहादुरगढ़ पुलिस के हवाले से बताया जा रहा है कि राजबीर ने अपने पीछे एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। बताया जा रहा है कि राजबीर ने अपने सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया है कि उसे तीनों नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने के मोदी सरकार के अड़ियल रुख के कारण मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ रहा है। सुसाइड नोट में राजबीर ने सरकार से मांग की है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर उनकी अंतिम इच्छा पूरी की जाए।
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इससे पहले पिछले महीने हरियाणा के जींद ज़िले के रहने वाले एक किसान ने भी पेड़ से लटककर ख़ुदकुशी कर ली थी। टिकरी बॉर्डर के पास ही एक अन्य किसान ने ज़हर खा लिया था, जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। दिसंबर महीने में पंजाब के रहने वाले एक वकील ने भी कृषि कानूनों के विरोध में आत्महत्या कर ली थी। उसी महीने सिख धर्मगुरु संत बाबा राम सिंह ने भी खुद को गोली मार ली थी। बाबा राम सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि उनसे केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं, बच्चों और किसानों पर किया जा रहा ज़ुल्म सहन नहीं हो पा रहा है, लिहाज़ा वे इस अन्याय के विरोध में अपनी जान दे रहे हैं।