ज़हर खाने वाले किसान का फूटा ग़ुस्सा, बोले मोदी-शाह ने ख़ुदकुशी के लिए उकसाया

निरंजन सिंह सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार के रवैये से परेशान हो कर उन्होंने आज ज़हर खा लिया

Updated: Dec 22, 2020, 02:04 AM IST

Photo Courtesy : Deccan Herald
Photo Courtesy : Deccan Herald

नई दिल्ली। सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने आज ज़हर खाकर जान देने की कोशिश की। कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के रवैये से आहत 65 वर्षीय निरंजन सिंह ने आत्महत्या करने की कोशिश की। आनन फानन में निरंजन सिंह को लोगों ने उन्हें पानीपत के अस्पताल में पहुंचाया। इसके बाद पंजाब के तरनतारन के रहने वाले निरंजन सिंह को रोहतक के पीएजीआई अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

पीएम और गृह मंत्री पर केस दर्ज करने की मांग
आत्महत्या की कोशिश करने वाले निरंजन सिंह को बचा तो लिया गया लेकिन जैसे ही उनकी हालत स्थिर हुई, उनका गुस्सा प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर फूट पड़ा। निरंजन सिंह ने मीडिया से कहा कि जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है, तो इसके लिए उसे उकसाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। मुझे आत्महत्या के लिए उकसाने वाले और कोई नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्रो नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हैं। लिहाज़ा इन दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के जुर्म में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।  

यह भी पढ़ें : किसान आंदोलन में शामिल संत राम सिंह ने जान दी, सुसाइड नोट में लिखा किसानों पर ज़ुल्म हो रहा

निरंजन सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि सरकार की नींद तभी खुलती है जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है। जब किसान ही ज़िंदा नहीं रहेगा तो बाकी लोग कैसे ज़िंदा रहेंगे? इस बीच, एनडीटीवी के मुताबिक पंजाब के फिरोजपुर में भी एक किसान कुलबीर सिंह ने सोमवार को खुदकुशी कर ली, जो दिल्ली के आंदोलन में शामिल होकर लौटा था। कुलबीर पर करीब 8 लाख रुपये का कर्ज था। किसान नेताओं ने रविवार को आंदोलन में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा देते हुए श्रद्धांजलि दी है। पंजाब के बठिंडा जिले में भी 22 साल का एक युवा किसान भी आंदोलन से लौटने के बाद जान दे चुका है।

हाल ही में संत राम सिंह ने भी खुद को गोली मारकर जान दे दी थी। उन्होंने पंजाबी भाषा में बाकायदा एक सुसाइड नोट भी लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। इस अन्याय के खिलाफ सबको अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। संत राम सिंह ने कहा था कि किसान, महिलाओं और बच्चों का दुःख उनसे देखा नहीं जा रहा है, इसलिए वे अपनी जान की कुर्बानी दे रहे हैं।