अहमदाबाद। गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। असम पुलिस बीती रात साढ़े ग्यारह बजे गुजरात के पालनपुर के सर्किट हाउस से गिरफ्तार कर जिग्नेश को अहमदाबाद ले आयी और अब उन्हें अपने साथ गुवाहाटी ले जा रही है।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मेवाणी को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट करने की वजह से गिरफ्तार किया गया है। अपने एक ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का समर्थक करार देते हुए राज्य में शांति और सोहार्द की अपील करने को कहा था।



लेकिन जिग्नेश मेवाणी के समर्थकों का कहना है कि उन्हें असम पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले कोई एफआईआर तक नहीं दिखायी, न ही वो ये बताने को तैयार थे कि जिग्नेश के खिलाफ उनके पास क्या आरोप हैं। बताया जा रहा है कि असम पुलिस ने अहमदाबाद एयपोर्ट पर मेवाणी समर्थकों के हंगामे के बाद गिरफ्तारी की वजह उनके सोशल मीडिया पोस्ट को बताया है। 





मेवाणी गुजरात में वडगाम से एमएलए हैं। उनकी गिरफ्तारी पर कन्हैया कुमार ने भी सवाल उठाए हैं। कन्हैया का कहना है कि मेवाणी को एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई है और न ही उनके पास कोई मोबाइल है.. जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि के साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है..





जिग्नेश के समर्थक असम पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई के आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा है कि आधी रात को जिग्नेश भाई के साथी ने कॉल करके बताया कि असम पुलिस ज़िग्नेश भाई को पालनपुर गुजरात से गिरफ़्तार करके उनको असम ले जा रही है, ना मोबाइल है उनके पास ना ही हमको कोई एफआईआर की कॉपी दी गई है।जनता के चुने हुए प्रतिनिधी के साथ ये न्याय?





बता दें कि जिग्नेश गुजरात में एक बड़े दलित लीडर के रूप में उभरे हैं और उनकी पूरे राज्य में बड़ी फैन फॉलोविंग भी है। आगामी गुजरात चुनाव में वे दलित वोट के जरिए बड़े उलटफेर करने का माद्दा रखते हैं।