नई दिल्ली। सत्तारूढ़ बीजेपी और उससे जुड़े RSS, VHP व बजरंग दल जैसे संगठनों ने भले ही देशभर में यह नैरेटिव तैयार कर दिया है कि हिंदू धर्म खतरे में है। लेकिन बीजेपी की ही सरकार ने इससे साफ इंकार कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तो इसे कल्पना करार दिया है। अमित शाह के विभाग ने कहा है कि हिंदू धर्म के खतरे में होने के कोई सबूत नहीं है, यह महज एक कल्पना है।

गृह मंत्रालय ने यह बात एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा है। दरअसल, नागपुर के एक सोशल एक्टिविस्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से एक आरटीआई आवेदन के माध्यम से हिंदू धर्म के खतरे में होने के सबूत मांगे थे। इसके जवाब में अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंदू धर्म के लिए किसी भी तथाकथित खतरे के सबूत नहीं है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं दिया जा सकता है।

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केंद्र सरकार के इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल जैसे संगठनों आरोप है कि लोगों को भ्रमित करने के लिए वे कहते हैं कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है, आने वाले समय में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएंगे, हिंदुत्व खतरे में आ जाएगा। बीजेपी के बड़े-बड़े नेता भी सार्वजनिक तौर पर कहते रहे हैं कि हिंदुत्व खतरे में है और हमें इसकी रक्षा करने के लिए वोट दीजिए। चुनाव के समय सभी राज्यों में भी बीजेपी अमूमन हिंदुत्व के मुद्दे पर फोकस रखती है।

हालांकि, अब जब खुद जब केंद्र सरकार ने इसे कोरी कल्पना बताया है तो यह सवाल स्वाभाविक है कि चुनावों में बीजेपी इस काल्पनिक मुद्दे को क्यों हकीकत की तरह परोसती है। मामले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदुओं को डराती है। सिंह ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से पूछा है कि आप कबतक हिंदुओं को गुमराह करते रहोगे?