नई दिल्ली। देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच आईसीएमआर ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारत में किए अपने पहला सीरो सर्वे में पाया कि देशभर में मई तक तकरीबन 64 लाख लोगों तक कोरोना संक्रमण पहुंच गया था। हालांकि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 19 मई तक देशभर में मात्र 1 लाख कोरोना संक्रमितों की पहचान हो पाई थी। यानि कि टेस्टिंग के अभाव में संक्रमण की जानकारी समय पर नहीं मिल पाई थी लेकिन लोग संक्रमित थे।

आईसीएमआर का यह डरावना सीरो सर्वे उस समय की स्थिति बताता है जब देशभर में लॉकडाउन था। भारत में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 11 सितंबर तक भले ही कोरोना संक्रमण के 45 लाख मामले हों लेकिन सीरो सर्वे से खुलासा हुआ है कि 64 लाख मामले मई महीने में ही थे। पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर करवाए गए यह सर्वे 11 मई से 4 जून के बीच हुआ हैं जब देश में एक से दो लाख मामले ही संज्ञान में आए थे। इस सर्वे में 21 राज्यों के करीब 28 हजार लोगों को शामिल किया गया था।

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आईसीएमआर के इस सर्वे में जानकारी मिली कि मई के अंत तक देशभर में करीब 64 लाख 68 हजार 388 लोग संक्रमित हो चुके थे। सर्वे में देखा गया कि 18 साल से 45 साल के आयुवर्ग के लोग सबसे ज्यादा 43.3 फीसदी इस संक्रमण के चपेट में आए थे। वहीं 46 साल से 60 साल के बीच के 39.5 फीसदी और 60 साल से ऊपर के 17.2 फीसदी लोग संक्रमित थे। सर्वे में इस बात की पुष्टि हुई है कि 44 लाख संक्रमित ग्रामीण इलाकों से थे।  इसके अलावा जिन जिलों में एक भी केस पता नहीं चला था वहां भी संक्रमण की बात सामने आई है। इलाकों के हिसाब से पॉजिटिविटी देखा जाए तो ग्रामीण इलाकों में 69.4%, शहरी स्लम में 15.9% और शहरी स्लम में 14.6% लोग संक्रमित थे।

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क्या है सीरो सर्वे ?

सीरो सर्वे से इस बात की जानकारी ली जाती है कि किसी जिले या शहर में कितने लोग कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। इसमें लोगों के खून के नमूने लेकर उसका परीक्षण किया जाता है। लोगों के खून में मौजूद एंटीबॉडी के आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि इतने लोग कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो गए हैं। भारत में पहला सीरो सर्वे मई महीने में लॉकडाउन के दौरान 21 राज्यों के 70 जिलों में किया गया था। इस सर्वे को चार भागों में बांटा गया था जिसमें जीरो केस, कम केस, मध्यम केस और बहुत अधिक केस वाले इलाके थे।