नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मॉनसून सत्र के पहले ही दिन धनखड़ ने इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा पत्र सौंपा है जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाल दिया है।
राष्ट्रपति को संबोधित त्यागपत्र में उन्होंने लिखा है कि स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया।
उन्होंने अपने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने की बात कहते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला दिया है। धनखड़ ने इस्तीफे में लिखा कि मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि सभी माननीय संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरी स्मृति में रहेगा। उन्होंने आगे लिखा कि मैं हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि के लिए तहे दिल से आभारी हूं।
उन्होंने आखिर में लिखा है कि यह मेरे लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है कि मैंने भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और इस परिवर्तनकारी युग में उसके तेज विकास को देखा और उसमें भागीदारी की। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस महत्वपूर्ण दौर में सेवा करना मेरे लिए सच्चे सम्मान की बात रही। आज जब मैं इस सम्माननीय पद को छोड़ रहा हूं, मेरे दिल में भारत की उपलब्धियों और शानदार भविष्य के लिए गर्व और अटूट विश्वास है।
बता दें कि साल 2022 में जगदीप धनखड़ ने 14वें उप राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 6 अगस्त 2022 को हुए उप राष्ट्रपति के चुनाव में बतौर एनडीए प्रत्याशी धनखड़ ने संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले थे।