श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अगले साल विधानसभा चुनाव करवाया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि परिसीमन के बाद केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जा सकेंगे। परिसीमन की प्रक्रिया अगले साल 5 मार्च तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद यहां विधानसभा की सात सीटें बढ़ जाएंगी। परिसीमन आयोग के चेयरपर्सन रंजना प्रसाद देसाई और चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा ने इस बात की जनकारी दी है।

मुख्य चुनाव आयुक्त चंद्रा ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के हिस्से की 24 सीटें खाली रहेंगी बाकी सभी सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'जम्मू कश्मीर की टोपोग्राफी काफी अलग है। बहुत दूर दराज के इलाके भी हैं। दुर्गम रास्ते हैं। निर्वाचन क्षेत्रों में जिलों के साथ-साथ तहसीलें भी एक दूसरे से मिली हुई हैं। यह सब इस ओर इशारा करता है कि जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।'

यह भी पढ़ें: BJP की गुंडागर्दी, फायरिंग, अपहरण से लेकर महिला की साड़ी तक खींचने के बीच हुआ UP ब्लॉक प्रमुख चुनाव का नामांकन

चंद्रा ने आगे कहा कि, 'यहां काफी लोग दूर दराज के इलाको में रहते हैं। उनका ध्यान पहले परिसीमन में नहीं रखा गया था लेकिन इस बार हमने जो ड्राफ्ट तैयार किया है और उसमें हर वर्ग और क्षेत्र के लोग शामिल हैं। हमें पूरी तरह से इसे लोगों के बीच लाना है। इसके लिए नोडल आफिसर तैनात किए जाएंगे ताकि लोगों के सवालों का निस्तारण हो सके।'

चंद्रा ने कहा कि सभी मांगों और सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए एक मसौदा तैयार कर उसे सार्वजनिक किया जाएगा ताकि इसपर लोगों की राय लिया जा सके। इसके बाद ही परिसीमन का फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। चंद्रा ने बताया कि साल 1995 में जम्मू-कश्मीर में केवल 12 जिले थे लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 20 हो गई है। इसी तरह तहसीलों की संख्या पहले 58 थी और अब 270 हो गई है। इसके अलावा 12 जिलों में, निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं को भी जिले की सीमा से आगे बढ़ाया गया है।