नई दिल्ली। जस्टिस एनवी रमन्ना भारत के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 24 अप्रैल को शपथ लेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी प्रदान कर दी है। मौजूदा CJI एसए बोबडे की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति कोविंद ने जस्टिस रमन्ना की नियुक्ति को मंजूरी दी है। 

जस्टिस रमना भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। वो इस समय सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बोबडे के बाद दूसरे वरिष्ठतम जज हैं। इसी वजह से चीफ जस्टिस ने उनके नाम की सिफारिश भेजी थी। चीफ जस्टिस ने रमन्ना को मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त करने की सिफारिश 24 मार्च को भेजी थी। 

यह भी पढ़ें : कोरोना संक्रमित राज्यों में 7 वें स्थान पर मध्यप्रदेश, एक महीने में 80 हज़ार और मामले बढ़ने के आसारजस्टिस रमन्ना भारत के दक्षिणी राज्य आंध्रप्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म आंध्रप्रदेश के कृष्णा ज़िले में पोन्नावरम गांव में  27 अगस्त 1957 को हुआ था। 1975 में इमरजेंसी के दौरान वो एक छात्र नेता के रूप में सिविल राइट मूवमेंट के हिस्सा रह चुके है। यही नहीं, कानून में अपना करियर शुरू करने से पहले उन्होंने 2 साल तक स्थानीय अखबार में पत्रकारिता भी की थी।

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जस्टिस रमन्ना, साल 2013 में दिल्ली उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस बने और लगभग एक साल बाद 2014 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में जज के पद पर नियुक्ति मिल गई। जस्टिस रमना आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की ज़िम्मेदारी संभाल चुके हैं। वो अगस्त 2022 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त रहेंगे।