अगर कमल नाथ ने सही केसों में कार्रवाई की होती तो उनकी सरकार नहीं गिरती, वीडी शर्मा पर विवेक तन्खा ने साधा निशाना
विवेक तन्खा ने कहा है कि अनिल देशमुख ने तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया, लेकिन राफेल और व्यापमं जैसे मुद्दों पर चुप क्यों हैं भाजपा के नेता

भोपाल। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने यह घोषणा की है कि उनकी सरकार कांग्रेस के कार्यकाल में भाजपा नेताओं पर कथित तौर पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लेगी। शर्मा के इस ऐलान पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने हमला बोला है। विवेक तन्खा ने कहा है कि कमल नाथ सरकार के दौरान भाजपा नेताओं पर कभी झूठे मुकदमे दर्ज नहीं किए गए। अगर कमल नाथ ने सही मुकदमों पर ही कार्रवाई कर ली होती, तो उनकी सरकार नहीं गिरती।
झूठे केस हटाना बिल्कुल सही है, @vdsharmabjp जी में इससे सहमत हूं।परन्तु बदले की राजनीति कांग्रेस की संस्कृती नही रही है।झूठे तो दूर यदि कमलनाथ जी ने अपनी सरकार में रहते हुए सही प्रकरणों में ही पर्याप्त कार्यवाही की होती तो उनकी सरकार नही गिरती। https://t.co/XvwTDXwNFl
— Vivek Tankha (@VTankha) April 5, 2021
विवेक तन्खा ने वीडी शर्मा के बयान के जवाब में कहा कि कांग्रेस में कभी विरोधी दल के नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कराने की कोई संस्कृति नहीं रही है। मैं कमल नाथ जी को व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं, कमल नाथ ने कभी भाजपा नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज नहीं कराए। विवेक तन्खा ने तो यहां तक कहा कि अगर कमल नाथ व्यापामं, ई टेंडरिंग और होनी ट्रैप जैसे मामलों में सही कार्रवाई कर दी होती तो उनकी सरकार नहीं गिरती।
अगर बीजेपी नेताओं में नैतिकता है तो वे खुद से सवाल करें: तन्खा
महाराष्ट्र में महज हाईकोर्ट के जांच के आदेश पर गृहमंत्री अपना इस्तीफा सौंप देते हैं। लेकिन क्या भाजपा कभी इसका जवाब देगी कि #व्यापमं से लेकर #पीडीएस घोटाले तक पर खामोशी क्यों? #रफेल से लेकर #थर्मल पॉवर घोटाले पर चुप्पी क्यों? नैतिकता है तो खुद से सवाल करो?
— Vivek Tankha (@VTankha) April 5, 2021
इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने एनसीपी नेता अनिल देशमुख के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देने का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे देशुमुख ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया। वैसे ही क्या भाजपा के नेता अपने घोटालों के संबंध में कोई कदम उठा सकते हैं? राज्यसभा सांसद ने कहा, 'महाराष्ट्र में महज हाईकोर्ट के जांच के आदेश पर गृहमंत्री अपना इस्तीफा सौंप देते हैं। लेकिन क्या भाजपा कभी इसका जवाब देगी कि व्यापमं से लेकर पीडीएस घोटाले तक पर खामोशी क्यों? राफेल से लेकर थर्मल पॉवर घोटाले पर चुप्पी क्यों? नैतिकता है तो खुद से सवाल करो?