महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल में टकराव, राज्यपाल को नहीं मिला सरकारी विमान

बीजेपी ने बताया राज्यपाल का अपमान, संजय राउत बोले प्लेन के लिए 15 मिनट के इंतजार में करने लगे शोर, फाइलों पर नहीं कर रहे दस्तख़त, 10 मिनट के काम को सालभर से अटकाए हुए हैं

Updated: Feb 11, 2021, 09:59 AM IST

Photo Courtesy : The Week
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मुंबई। महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार और राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल कोश्यारी को आज उद्धव ठाकरे सरकार ने यात्रा के लिए सरकारी विमान नहीं मिल सका। एयरपोर्ट पर आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद आखिरकार कोश्यारी ने स्पाइसजेट की विमान से उड़ान भरने का फैसला लिया है।

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी गुरुवार उत्तराखंड के मसूरी जाने की तैयारी कर रहे थे। वहां उन्हें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के एक समारोह में हिस्सा लेना था। उत्तराखंड जाने के लिए वे विमान में सवार भी हो गए, लेकिन तभी उन्हें सूचना मिली कि सरकारी विनाम से जाने की अनुमति नहीं मिल पाई है। ये इजाजत मुख्यमंत्री के अंतगर्त आने वाले सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी जाती है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक लगभग आधे घंटे तक राज्यपाल सामान्य प्रशासन विभाग के संपर्क में रहे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद राज्यपाल निजी विमान से उत्तराखंड के लिए रवाना हुए।

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राज्यपाल को सरकारी विमान न दिए जाने को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमाने लगी है। बीजेपी ने इसे राज्यपाल का अपमान बताया है। महाराष्ट्र बीजेपी के मीडिया हेड नवीन कुमार ने ट्वीट किया, 'आखिर उद्धव ठाकरे कितने गिरे हुए व्यक्ति हैं महाराष्ट्र के राज्यपाल को महाराष्ट्र के सरकारी विमान से उत्तराखंड जाना था विमान को देने से मना कर दिया अब भगत सिंह कोश्यारी जी मुंबई से देहरादून स्पाइसजेट के विमान से जाएंगे।' 

इस मामले में शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि कोश्यारी निजी यात्रा पर थे। राउत ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार राज्यपाल का सम्मान करती है। मुझे जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक वे चमोली जा रहे हैं। किसी संवैधानिक पद पर बैठकर व्यक्तिगत यात्रा पर सरकारी प्लेन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। यदि उन्हें अपनी निजी यात्रा पर जाना है, तो प्राइवेट प्लेन का प्रयोग करना चाहिये।'

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राज्यसभा सांसद इतने पर नहीं रुके बल्कि उन्होंने कोश्यारी पर निशाना भी साधा। राउत ने कहा, 'राज्यपाल के पास पिछले एक साल से कैबिनेट ने 12 नॉमिनेट विधान परिषद के सदस्यों के नाम भेजे हुए हैं, उस फाइल पर साइन नहीं किये गये हैं। राज्यपाल कैबिनेट के द्वारा पास किये हुए फैसले को कब तक रोक सकते हैं। उन्हें प्लेन के लिए 15 मिनट का इंतजार करना पड़ा, तो शोर हो रहा है। लेकिन फाइल साइन करने में सिर्फ 10 मिनट ही लगेंगे, ये काम उन्हें शोभा नहीं देता है।'

इस बारे में एनसीपी ने जानकारी नहीं होने की बात कही है। एनसीपी नेता व महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार ने मीडिया से कहा, 'इस मामले में मुझे अभी पूरी जानकारी नहीं है। मैं मंत्रालय जा रहा हूं, मुझे इस बारे में जब पूरी जानकारी मिलेगी, तब ही मैं कुछ टिप्पणी कर सकूंगा।'