नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने मेडिकल के कोर्स में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार में नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर इस बात का ऐलान किया है।



स्वास्थ मंत्री ने इसे ऐतिहासिक फैसला करार देते हुए कहा है कि इससे 5500 ओबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र लाभान्वित होंगे। मांडविया ने ट्वीट किया, 'देश में मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में सरकार द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। ऑल इंडिया कोटे के तहत अंडरग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट, मेडिकल तथा डेंटल शिक्षा में OBC वर्ग के छात्रों को 27% व कमजोर आय वर्ग (EWS) के छात्रों को 10% आरक्षण दिया जाएगा।' 





स्वास्थ्य मंत्री ने आगे लिखा है कि, 'इस निर्णय से मेडिकल तथा डेंटल शिक्षा में प्रवेश के लिए OBC तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाले 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे। देश में पिछड़े तथा कमजोर आय वर्ग के उत्थान के लिए उन्हें आरक्षण देने को सरकार प्रतिबद्ध है।'



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प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले को सामाजिक न्याय का प्रतिमान बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'हमारी सरकार ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से यूजी और पीजी मेडिकल/डेंटल कोर्स के लिए अखिल भारतीय कोटा स्कीम में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले से देश के हजारों युवाओं को बेहतर अवसर प्रप्त करने और देश में सामाजिक न्याय का नया प्रतिमान बनाने में मदद मिलेगी।'





दरअसल, मेडिकल एजुकेशन में यूजी की 15 फीसदी सीटें और पीजी की 50 फीसदी सीटें राज्य सरकारों द्वारा निर्गत की जाती है। इसमें एससी और एसटी वर्ग के लिए तो सीटें आरक्षित है लेकिन ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए सीटें आरक्षित नहीं थी। मेडिकल कोर्सेज में काफी लंबे समय से ओबीसी आरक्षण की मांग हो रही थी, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने आज ये फैसला लिया है।