चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने में कोई कसर छोड़ नहीं रहे हैं। अध्यक्ष पद से अचानक इस्तीफा, उसके बाद नाटकीय रूप से इस्तीफे को वापस लेने फिर राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी वे संतुष्ट नहीं दिख रहे। सिद्धू ने अब सोनिया गांधी ने मिलने का समय मांगा है। पंजाब कांग्रेस चीफ ने इस बाबत चार पन्ने का एक चिट्ठी भी सोनिया गांधी को भेजा है।



सोनिया को लिखे खत में नवजोत सिंह सिद्धू ने 13 सूत्रीय एजेंडा पेश किया है। सिद्धू ने कहा है कि साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह 13 सूत्रीय एजेंडे के साथ पंजाब मॉडल का घोषणापत्र पर सोनिया गांधी से मिलकर चर्चा करना चाहते हैं। उन्होंने नए नवेले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी निशाना साधते हुए कहा है की पंजाब सरकार को प्राथमिकता वाले मुद्दों को हल करना चाहिए। 





कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित पत्र में सिद्धू ने जिन 13 मुद्दों का जिक्र किया है उसमें बेअदबी की घटनाओं में न्याय, ड्रग्स माफिया, कृषि क्षेत्र, बिजली और सरकार और बिजली कंपनियों के बीच हुए समझौतों को रद्द करने, दलितों और पिछड़ों का विकास, बेरोजगारी, सिंगल विंडो सिस्टम, महिलाओं और युवाओं का सशक्तिकरण, शराब माफिया, रेत खनन, केबल और ट्रांसपोर्ट के मुद्दे शामिल हैं। 



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सिद्धू ने इस पत्र में यह भी दावा किया है कि साल 2017 के चुनाव में उन्होंने कुल 55 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया था, जिनमें 53 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी। सिद्धू ने अपने 17 साल के राजनीतिक अनुभव का हवाला देते हुए कहा है कि, 'जन भावनाओं को समझते हुए मुझे लग रहा है कि यह पंजाब के पुनरुत्थान का आखिरी मौका है। मैने विधायक, पंजाब कैबिनेट में मंत्री और अब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पंजाब के विकास मॉडल को प्राथमिकता दी है।'



बता दें कि सिद्धू ने बीते 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, हाईकमान के निर्देशों के बाद उन्हें इस्तीफा वापस भी ले लिया। दो दिन पहले ही वे राहुल गांधी से मिले थे और मीडिया से उन्होंने कहा था कि सभी मुद्दों का हल हो गया है। हालांकि, अब फिर उन्होंने सोनिया को पत्र लिखकर यब संदेश दिया है कि सभी मुद्दों का हल नहीं हुआ है।