नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट और टीकों की कमी के बीच एक राहत भरी खबर है। कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को जल्द ही एक और हथियार मिलने जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जुलाई से अक्टूबर के बीच देश को पांच करोड़ फाइजर के डोज मिलेंगे। नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने भी इस बात का संकेत देते हुए कहा है कि फाइजर वैक्सीन के लिए बातचीत चल रही है।

डॉ वी .के. पॉल ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि फाइजर के साथ सरकार की बातचीत चल रही है। पॉल ने बताया कि फाइजर ने टीके के संभावित दुष्प्रभावों को लेकर संरक्षण की मांग की है जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है। जल्द ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी ने इस प्रकार की छूट अमेरिका समेत उन सभी देशों में मांगी थी, जहां उसने टीके की आपूर्ति की है।

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पॉल ने बताया कि फाइजर की मांगों पर सहमति बनने के बाद देश में जुलाई से टीके की आपूर्ति शुरू होने की संभावना है। यदि फाइजर का टीका भारत को मिलता है तो यह कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल होने वाला चौथा टीका होगा। वर्तमान में देश में भारत बॉयोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन, ऑक्सफ़ोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड तथा तथा रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V का इस्तेमाल किया जा रहा है। तीन तरह के वैक्सीन सप्लाई के बावजूद देश में टीके की भयंकर किल्लत है। 

भारत में टीके की उपलब्धता कम होने के कारण हर रोज महज 15-20 लाख वैक्सीन डोज ही लग पा रहे हैं। जबकि पहले यह आंकड़ा 30 लाख से ऊपर जा चुका था। फाइजर का टीका आने के बाद टीकाकरण अभियान में तेजी की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि फाइजर की ओर से एक करोड़ टीके जुलाई में, एक करोड़ अगस्त में और दो करोड सितंबर तथा एक करोड़ डोज अक्टूबर में उपलब्ध कराए जाएंगे।