दिल्ली। कड़ाके की सर्दी के बीच आंदोलनकारी किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर डटे हुए हैं। किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी समस्याओं के साथ यहां किसान मोबाइल की बैटरी बार-बार डिस्चार्ज होने से भी परेशान हैं। लेकिन अब किसानों ने अपनी परेशानी का हल निकाल लिया है।

प्रदर्शनकारी किसान अब सोलर पैनल से मोबाइल फोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं। एक आंदोलनकारी किसान अमृत सिंह यहां सोलर प्लेट लेकर आए हैं, जिससे बैटरी चार्ज की जा रही है। अमृत सिंह का कहना है कि अगर किसानों का फोन बंद हो जाएगा तो वे घर पर बात नहीं कर पाएंगे। इसलिए उन्होंने समस्या का यह समाधान निकाला है। अमृत सिंह ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वह किसानों को कोई सुविधा क्या देगी, वो उनकी मांग तो मान नहीं रही।

 और पढ़ें: क्यों रद्द करने चाहिए नए कृषि क़ानून, 10 अर्थशास्त्रियों ने कृषि मंत्री को बताईं 5 बड़ी वजहें

भीषण ठंड के बीच किसान आंदोलन का 24वां दिन है। किसान यहां से हटने के तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि चाहे कितनी ही सर्दी क्यों न पड़े वे अपनी मांगें मनवा कर ही दम लेंगे। जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं लेती, वे प्रदर्शन करते रहेंगे।

 

 

और पढ़ें: किसान आंदोलन के समर्थन में एक हज़ार किमी चलाई साइकिल, 11 दिन में बिहार से पहुंचे टिकरी बॉर्डर

किसानों और सरकार के बीच बातचीत फिलहाल ठप है। किसान तीनों विवादित कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा करने को तैयार नहीं है। और अब तो सरकार आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करने की जगह अपने प्रचार तंत्र का इस्तेमाल करके उनकी मांगों को गलत और अपने कानूनों को सही साबित करने में जुट गई है।

और पढ़ें: जनता और सरकार तक अपनी बात ख़ुद पहुंचाएंगे किसान, शुरू किया अपना अख़बार

बीजेपी के तमाम नेता-मंत्री लगातार आंदोलन कर रहे किसानों को गुमराह और नासमझ साबित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसे में किसानों का आंदोलन जल्द खत्म होने की उम्मीद नज़र नहीं आ रही है।