मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मंदिर खोलने का मुद्दा इस कदर राजनीतिक होता जा रहा है कि अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बचाव में एनसीपी प्रमुख शरद पवार को उतरना पड़ा है। मामले में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चिट्ठी और उसकी भाषा पर शरद पवार ने आपत्ति जताई है। शरद पवार ने भगत सिंह कोश्यारी द्वारा उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में इस्तेमाल की गई भाषा से पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया है।

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पवार की शिकायत है कि भगत सिंह कोश्यारी राज्यपाल पद की मर्यादा से बाहर जाकर पार्टी विशेष के राजनेता की तरह पत्र लिख रहे हैं। राज्यपाल द्वारा अपने पत्र में सीएम के सेक्यूलर होने के सवाल पर पवार ने कहा है कि धर्मनिरपक्षता संविधान का हिस्सा है, जिसे अपने कार्यकाल के दौरान हर सीएम को बरकरार रखना होता है।

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दरअसल सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच तनातनी तब सामने आ गई, जब राज्य में सिद्धिविनायक मंदिर, शिरडी साईं मंदिर खोले जाने को लेकर राज्यपाल ने सीएम को लिखे पत्र में यह पूछ डाला कि क्या सत्ता में आने के बाद आप भी सेक्युलर हो गए हैं? इस पर उद्धव ठाकरे ने जवाब में राज्यपाल को लिखा कि उन्हें (ठाकरे को) किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। सिर्फ मंदिर खोल कर रखना ही हिंदुत्व नहीं होता।