Siddhivinayak Temple: सिद्धिविनायक मंदिर खुलवाने के लिए बीजेपी का प्रदर्शन, राज्यपाल ने लिखा सीएम अचानक हुए सेक्युलर

Bhagat Singh Koshyari vs Uddhav Thackeray: राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से पूछा अचानक सेक्युलर हो गए, सीएम का जवाब सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं 

Updated: Oct 14, 2020, 01:06 AM IST

Photo Courtesy: ANI
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मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से 6 महीने से बंद मंदिरों पर राजनीति तेज हो गई हैं। मुंबई समेत महाराष्ट्र भर में मंदिरों को खुलवाने के लिए बीजेपी के कार्यकर्ता सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ता मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर और शिरडी स्थित साईबाबा मंदिरों के सामने उन्हें खुलवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान कई प्रदर्शनकारी भारी बैरिकेटिंग और पुलिस बल होने के बाद भी मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने से रोककर गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनों के खिलाफ पुलिसिया कार्यवाहियों में महाराष्ट्र पुलिस ने कई बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।

बीजेपी का पूरे राज्य में प्रदर्शन 

मुंबई में प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता प्रसाद लाड ने कहा हम मांग करते हैं कि हमें सिद्धविनायक मंदिर में प्रवेश करने दिया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम मंदिर में प्रवेश का रास्ता खुद से बना लेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह एक अखिल महाराष्ट्र आंदोलन हैं। हम चाहते हैं कि प्रदेश भर के सारे मंदिरों को जल्दी से जल्दी खोल दिया जाए।

 

भक्तों के समर्थन में आए भगत सिंह कोश्यारी

नेता और कार्यकर्ताओं की लड़ाई में राज्यपाल भी अब कूद पड़े हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मंदिरों को खुलवाने के लिए चिठ्ठी लिखी है। राज्यपाल की यह चिट्ठी शिवसेना और सत्ताधारी पार्टी को नागवार गुज़री है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मुझे हिन्दू होने के लिए राज्यपाल से सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

राज्यपाल कोश्यारी ने सीएम उद्धव को चिट्ठी में क्या कहा

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखी चिठ्ठी में प्रदेश के धार्मिक स्थानों को फिर से खोलने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि बीते एक जून से प्रदेश के मंदिरों को खोलने का एलान किया गया था पर अब तक चार महीने बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक काम नहीं किया गया। 

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए आगे कहा है कि यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां को खोल दिया है, लेकिन दूसरी तरफ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की है। मुझे आश्चर्य होता है कि आपको मंदिरों को नहीं खोलने के लिए कोई दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गए। यह एक ऐसा शब्द है, जिससे आप नफरत करते हैं। 

 

 

मुख्यमंत्री ठाकरे का पलटवार

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा सीएम उद्धव को लिखी गई चिट्ठी पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा है कि राज्य में धार्मिक स्थल खोलने की चर्चा के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों के बारे में भी गंभीरता से सोचने की जरुरत है। मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपके सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है। जो लोग हमारे राज्य की तुलना पाकिस्तान शासित कश्मीर से करते हैं, मैं उनकी हिंदुत्व की सोच में फिट नहीं बैठता हूं। उन्होंने आगे सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या बस मंदिर खोलना ही हिंदुत्व का प्रमाण है?

 

राज्य भर के मंदिरों को खोलने के फैसले में सरकार द्वारा की जा रही देरी को लेकर महाराष्ट्र के धार्मिक नेता और शिवसेना की अगुवाई वाली महाविकास समिति ने भी सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। कुछ घंटे का उपवास करके भी विरोध दर्ज कराया गया है।