नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की वादियों और दुर्गम चोटियों तक पर्यटकों का आवागमन आसान बनाने की दिशा में तेजी कार्य चल रहा है। खासकर बॉर्डर एरिया तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सके, इसके लिए सरकार सकड़ों का निर्माण कर रही है। इसी क्रम में लद्दाख के हानले से चुमार तक विकसित किए गए 91 किमी के खूबसूरत मार्ग को आम जनता के लिए खोल दिया गया है।
लद्दाख में सीमा सड़क संगठन (BRO) के प्रोजेक्ट हिमांक के तहत हानले को सीमावर्ती गांव चुमार से जोड़ने वाली 91 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई है। यह मार्ग 14,500 से 17,200 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों से होकर गुजरता है, जिसमें साल्सा ला दर्रा भी शामिल है। भारतीय सेना ने इस परियोजना के खुलने पर एक वीडियो शेयर किया है, जिससे काफी मनमोहक दृश्य दिख रहे हैं।
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पहाड़ों के बीच से गुजर रही इस सड़क पर यात्रा काफी रोमांचित करने वाली होगी। इसके खुलने से आम पर्यटकों के लिए भी दुर्गम चोटियों की ओर पहुंचना आसान होगा। यह सड़क सीमा पर सशस्त्र बलों के लिए रणनीतिक संपर्क प्रदान करने के साथ-साथ हानले वेधशाला, क्यूं त्सो झील, चिलिंग त्सो झील और आगे त्सो मोरीरी जैसे खूबसूरत मनमोहक स्थानों को जोड़कर क्षेत्र में स्थानीय संपर्क और पर्यटन को भी सुगम बनाएगी।
यह मार्ग काफी खूबसूरत और प्रकृति की गोद से होकर गुजरा है, जिससे यात्रियों को रोमांचक एहसास होगा। खासकर, हानले वेधशाला और खगोल विज्ञान के लिए यह मार्ग रोमांच और एडवेंचर चाहने वालों के लिए एक अच्छा अनुभव प्रदान करता है। हालांकि, यह सड़क उच्च ऊंचाई (High Altitude) पर स्थित है। लिहाजा यह सफर करने के लिए इनर लाइट परमिट (ILP) की आवश्यकता होगी। यहां ऑक्सीजन की काफी कमी महसूस होती है। हानले-चुमार रोड जितनी ऊंचाई पर विकसित की गई है वाकई में इंजीनियरिंग का कमाल है। यहां से थोड़े ऊपर बादल तैरते नजर आते हैं। यहां खुला आसमान, नुकीली पर्वत श्रृंखलाएं और सफेद बादल काफी रोमांचित करते हैं। यहां से तिब्बत के नजारे साफ दिखाई देते हैं। इस पर सफर करने के लिए कार और बाइक से काफी अच्छा अनुभव प्राप्त होगा।
हानले-चुमार रोड लद्दाख के पूर्वी हिस्से में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास तक पहुंचती है। यह मार्ग हानले और चुमार जैसा महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्ट करता है। यह सड़क रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास, परिचालन तत्परता को बढ़ाने, पर्यटन को बढ़ावा देने और लद्दाख के दूरस्थ क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके बनने से आम लोगों के साथ सेना को बड़ी सहूलियत मिलेगी। रणनीतिक तौर पर यह काफी अहम साबित होगी। इसके जरिए चीन सीमा तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा।