यूपीएससी पास करने वाले जामिया के छात्रों को बताया जिहादी

Suresh Chavhanke: सुदर्शन चैनल और सुरेश चव्हाणके की आईपीएस एसोसिशन ने की निंदा, यूनिवर्सिटी ने शिक्षा मंत्रालय से की कार्रवाई की

Updated: Aug 29, 2020, 07:02 AM IST

नई दिल्ली। सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मालिक और एडिटर सुरेश चव्हाणके के खिलाफ जामिया विश्वविद्यालय ने मोर्चा खोल दिया है। अपने शो के एक प्रोमो में सुदर्शन के संपादक ने यूपीएससी में चयनित जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों और मुसलामानों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने के मामले में विश्वविद्यालय ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। आईपीएस एसोसिएशन ने भी ऐसी पत्रकारिता की निंदा की है।  

जामिया विश्वविद्यालय ने कहा है कि सुरेश चव्हाणके ने विश्वविद्यालय और एक खास संप्रदाय की छवि धूमिल करने की कोशिश की है, इसलिए न्यूज़ चैनल के मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यहां पर रेखांकित करने योग्य बात यह है कि इस दफा जामिया के कुल 30 छात्रों का चयन यूपीएससी में हुआ है। जिसमें 16 मुस्लिम छात्र हैं जबकि 14 छात्र हिन्दू हैं। 

सुरेश चव्हाणके ने क्या कहा?

इस दफा यूपीएससी के परिणामों में जामिया के छात्रों का बोलबाला रहा है। जामिया के छात्रों के साथ साथ मुस्लिम युवाओं ने यूपीएससी में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसी आंकड़े के आधार पर सुदर्शन के मालिक सुरेश चव्हाणके ने 25 अगस्त को अपने ट्विटर हैंडल पर अपने एक शो का प्रोमो पोस्ट कर मुसलमानों के यूपीएससी में चयन को एक खास वर्ग की सोची समझी साजिश करार दे दिया। चव्हाणके ने अपने प्रोमो में हिन्दू दर्शकों को संबोधित कहा है कि जामिया के जिहादी और मुसलमानों का वर्चस्व अगर सिविल सेवाओं में बढ़ गया, अगर यह आपके जिलाधिकारी होंगे, तब आप सोचिए क्या होगा? चव्हाणके का यह शो आज शाम आठ बजे से प्रसारित किया जाना है। 

चव्हाणके के जामिया विश्वविद्यालय और मुसलमानों को लेकर टिप्पणी के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। जामिया की कुलपति नजमा अख़्तर ने अंग्रेज़ी के एक प्रमुख अख़बार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि विश्वविद्यालय का इस मसले पर कोर्ट का रुख करने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। नजमा ने तंज कसते हुए कहा कि 'संपादक ने जामिया के छात्रों को जिहादी की संज्ञा देकर जिहादियों की एक सेक्युलर परिभाषा दी है। क्योंकि यूपीएससी में हमारे विश्वविद्यालय से मुस्लिम व हिन्दू दोनों समुदाय के छात्रों का चयन हुआ है। नजमा ने कहा कि वे ऐसी बेतुकी टिप्पणियों को इतनी महत्ता देना ज़रूरी नहीं समझती, लिहाज़ा विश्वविद्यालय कोर्ट का रुख नहीं करेगा।' 

आईपीएस एसोसिएशन ने कहा है कि सुदर्शन चैनल द्वारा सिविल सेवा में चयनित उम्मीदवारों को लक्ष्य कर धार्मिक आधार पर एक खबर प्रमोट की जा रही है। हम इस ग़ैरज़िम्मेदार और सांप्रदायिक पत्रकारिता की निंदा करते हैं।