चेन्नई। बीजेपी के सहयोगी दलों के साथ रिश्ते बिगड़ने का सिलसिला उत्तर भारत के पंजाब और पश्चिम भारत के राजस्थान से होता हुआ अब तमिलनाडु तक पहुंचता नज़र आ रहा है। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी अन्ना द्रमुक (AIADMK) ने साफ किया है कि वो राज्य में किसी राष्ट्रीय पार्टी का दबंगई की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी ने साफ किया है कि राज्य का अगला विधानसभा चुनाव भी उनकी अगुवाई में ही लड़ा जाएगा और मौजूदा मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे। AIADMK सांसद और पार्टी के डिप्टी कॉर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने कहा है कि अगर बीजेपी को इस पर एतराज़ हो वो गठबंधन से अलग होने को स्वतंत्र हैं।

AIADMK के सांसद व राज्य में पार्टी के डिप्टी कोऑर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमारी पार्टी अगले साल मई में होने वाले विधानसभा चुनावों में गठबंधन का नेतृत्व करेगी और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के. पलानीस्वामी ही होंगे।' उन्होंने बीजेपी पा निशाना साधते हुए कहा कि अगर नेशनल पार्टी हमारे इस फैसले के खिलाफ जाना चाहती है तो उनके साथ गठबंधन टूट जाएगा। मुनुसामी के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में वह बीजेपी की पिछलग्गू नहीं बनेगी।

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एआईडीएमके नेता ने बीजेपी का नाम लिए बिना उसे अवसरवादी व विश्वासघाती दल तक बता डाला है। उन्होंने कहा, 'कुछ अवसरवादी, विश्वासघाती राष्ट्रीय दल द्रविड़ संगठनों पर आरोप लगा रहे हैं कि हमने कुछ नहीं किया और अपने शासनकाल में तमिलनाडु को बर्बाद कर दिया। यह हैरान करने वाली बात है कि कोई हमारे कामकाज पर सवाल कैसे उठा सकता है, वह भी तब जबकि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को कई क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन के लिए इतने पुरस्कार दिए हैं।

दरअसल, बीते दिनों केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मीडिया ने पलानीस्वामी के उम्मीदवारी को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने टाल दिया। अब मुनुसामी का यह बयान बीजेपी को उम्मीदवारी को लेकर स्पष्ट संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है। मुनुसामी का यह बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में हुए हैदराबाद नगर निगम चुनाव को बीजेपी ने बेहद आक्रामक तरीके से लड़ा, जिसे दक्षिण भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की उसकी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।  

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हैदराबाद नगर निगम में ठीक-ठाक संख्या में सीटें जीतने के बाद बीजेपी नेताओं का उत्साह काफी बढ़ गया है। कई नेताओं ने यहां तक कहा कि बीजेपी दक्षिण का किला फतह करने के लिए भी तैयार है और आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में भी पार्टी बड़ी जीत दर्ज करेगी। बीजेपी तमिलनाडु में दूसरे दलों के असंतुष्ट नेताओं को अपने पाले में लाकर स्थिति मज़बूत करने की कोशिश भी कर रही है। ऐसे में AIADMK ने आज साफ कर दिया है कि वो अपने राज्य में बीजेपी के बढ़ते प्रयासों से ज़रा भी खुश नहीं है। 

पार्टी का यह बयान इसलिए भी और अहम है क्योंकि सुपरस्टार रजनीकांत ने भी नए साल में अपनी राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने का एलान किया है। कहा जा रहा है कि बीजेपी रजनीकांत की पार्टी के साथ तालमेल करना चाहती है। हालांकि ये संभावना भी कम ही हैं कि रजनीकांत तमिलनाडु में अपने स्टारडम को देखते हुए बीजेपी के पिछलग्गू बनना चाहेंगे।

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देशभर में सहयोगियों से खराब चल रहे हैं बीजेपी के रिश्ते

गौरतलब है कि बीजेपी के रिश्ते अपने पुराने सहयोगियों के साथ ठीक नहीं चल रहे हैं। बीते हफ्ते ही पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के आधा दर्जन विधायकों को अपने पाले में कर लिया, जबकि बिहार में जेडीयू के साथ मिलकर सरकार चला रही है। इस बात को लेकर सीएम नीतिश बेहद नाराज हैं, वहीं बीजेपी उन्हें नाम मात्र का सीएम बनाकर अपने मनमाफिक फैसले ले रही है। इसके पहले कृषि कानूनों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल जैसा बीजेपी का सबसे पुराना सहयोगी भी एनडीए से अलग हो चुका है। बीते हफ्ते राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने भी एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया है। दशकों तक बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना तो विश्वासघात का आरोप लगाकर कब की अलग हो चुकी है।