जयपुर। केंद्र की मोदी सरकार आदिवासियों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। लेकिन मोदी कैबिनेट के ही आदिवासी मंत्री ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि नेता तब ही सुनेंगे जब लोग आंदोलन करेंगे।



दरअसल, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मंगलवार को बिरला ऑडिटोरियम में ऑल इंडिया ट्राइबल डेवलपमेंट काउंसिल में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे थे। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने निजीकरण को लेकर कई सवाल उठाए। कुलस्ते ने कहा कि, 'अगर सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है तो एसटी आरक्षण प्राइवेट क्षेत्र भी में लागू होना चाहिए।'





कुलस्ते ने आदिवासियों को आंदोलन करने का आह्वान करते हुए कहा कि, 'वक्त रहते हम सबको मिलकर आरक्षण के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए। आरक्षण खत्म हो गया तो हमारे लोगों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। नेता और राजनीतिक पार्टियां तब ही सुनेंगी जब सभी लोग मिलकर आंदोलन करेंगे।' केंद्रीय मंत्री ने आदिवासी समाज से अपील की कि वो एकजुट हो जाएं।



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कुलस्ते ने कहा, 'जरुरी है कि चुनाव में एकजुट होकर आदिवासी समाज अपनी ताकत दिखाएं। इससे राजनीतिक पार्टियों को संदेश जाएगा कि हमारे समर्थन के बिना सरकार नहीं बन सकती है। आदिवासी समुदाय के लोगों को सक्रिय हो कर सभी काम करने की जरुरत है। अगर हमारे खिलाफ कोई केस भी होती है तो हमें एक पार्टी बनकर इस केस को लड़ना चाहिए। आप ताकत दिखाएंगे तभी समस्याओं का समाधान होगा।'



बता दें कि इन दिनों केंद्र सरकार आदिवासी वोट बैंक को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे थे। इसे आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया गया और समरोह में शामिल होने के लिए प्रदेश भर से आदिवासीयों को लाया गया था। भोपाल में पीएम मोदी व प्रदेश के सीएम शिवराज ने खूब लोक लुभावने वादे किए। लेकिन अब प्रदेश के ही दिग्गज आदिवासी नेता व केंद्रीय मंत्री ने सरकार की पोल खोल दी है।