मणिपुर में कांग्रेस पार्टी ने सत्ताधारी दल बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। बीजेपी और सरकार में शमिल कुल 9 विधायकों के सरकार से अपना समर्थन वापिस लेने के बाद राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस ने बुधवार को मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह से भेंट की। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष वाई खेमचंद को उनके पद से बर्खास्त करने हेतु विधानसभा सचिव को नोटिस दिया है।

गौरतलब है कि बुधवार को मणिपुर की भाजपा सरकार में शामिल एनपीपी के 4 मंत्रियों ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह समेत चार मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एनपीपी के सभी विधायकों ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसके साथ ही भाजपा के तीन विधायक, टीएमसी के एक और मणिपुर विधानसभा के एक निर्दलीय विधायक ने कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला कर लिया। जिसके बाद गुरुवार को नजमा हेपतुल्लाह से मुलाकात कर कांग्रेस ने विधानसभा में विशेष सत्र बुला कर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव करने की मांग की।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद एनपीपी प्रमुख थांगमिलेन किपगेन ने कहा कि एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए हमने राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है। किपगेन ने कहा कि राज्य में इबोबी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए नवगठित सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट (एसपीएफ) को आमंत्रित करने की गुजारिश की है। कांग्रेस, एनपीपी, तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों समेत एसपीएफ के सभी सदस्यों के समर्थन पत्र का भी जिक्र किया गया है। राजभवन ने अभी इस मामले पर कोई संकेत नहीं दिया है।

कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का नोटिस दिया

राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष वाई खेमचंद को उनके पद से बर्खास्त करने हेतु विधानसभा सचिव को नोटिस दिया है। कांग्रेस के विधायक मेघचंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 179(सी) के तहत विधानसभा अध्यक्ष वाई खेमचंद को हटाने के लिए नोटिस सौंपा हैअनुच्छेद के तहत विधानसभा के तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से प्रस्ताव पारित करके अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष को उसके पद से हटाया जा सकता है।