मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार तो हो गया मगर बीजेपी में असंतोष सतह पर आ गया है। सबसे तीखी प्रतिक्रिया एमपी में 2003 में बीजेपी की सरकार बनवाने वाली नेता उमा भारती की रही है। उमा ने कहा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय असंतुलन है। अन्‍य बीजेपी विधायकों ने भी दिल्‍ली तक अपनी बात पहुंचाई है।

उमा भारती आज लखनऊ में सीबीआई अदालत में राम मंदिर मसले पर बयान दर्ज करवाने पहुंची हैं। वहां उन्‍होंने कहा किमध्य प्रदेश में हुए मंत्रिमंडल विस्तार से जातीय संतुलन गड़बड़ हो गया है। उन्‍होंन बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष वीडी शर्मा और प्रभारी उपाध्‍यक्ष विनय सहस्रबुद्धे को पत्र लिखा है। बताया जाता है कि उमा भारती अपने समर्थकों की उपेक्षा और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थकों को अधिक जगह देने से नाराज है। इसी के साथ अन्‍य दावेदार नेताओं ने भी असंतोष प्रकट किया है। मंत्री पद से वंचित रहे संजय पाठक ने प्रतिक्रिया में कहा कि कुछ तो सरकार की मजबूरियां रही होंगी।

गौरतलब है कि गुरुवार को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में 28 नेताओं ने शपथ ली। इन नए मंत्रियों में 9 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक शामिल हैं। सिंधिया समर्थक जिन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, इनमें से कोई भी फिलहाल विधानसभा का सदस्य नहीं है। ये सभी मार्च माह में कांग्रेस से बागी होकर विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे। देश में संभवत: पहली बार किसी प्रदेश के मंत्रिमंडल में इतनी बड़ी तादाद में गैर विधायकों को शामिल किया गया है।