लॉकडाउन इफेक्ट्स: इंदौर में लगे लॉकडाउन के कारण 4 लाख की सब्जियों पर किसान ने चलाया ट्रैक्टर

किसान महेश भूतों को सोयाबीन की फसल बोनी थी। इस लिए खेत मे लगी लौकी की फसल को नष्ट करना पड़ा।

Updated: May 31, 2021, 05:05 AM IST

Photo courtesy: zee news
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इंदौर। प्रदेश के किसानों की पहले से कमर टूटी हुई है। कोरोना की दूसरी लहर में महीने भर से लगा लॉकडाउन का असर अब दिखने लगा है। खेतों से सब्जियां मंडी नही पहुँच पाई इसी वजह से अब किसानों को सब्जी नष्ट करना पड़ रहा है। इंदौर जिले के अंतर्गत गौतमपुरा गांव में एक किसान को अपनी चार लाख की फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा। लॉकडाउन लगने की वजह से उसकी सब्जियां नहीं बिक पा रही थीं जिसके कारण उसने खुद फसल नष्ट कर दी।

 

गौतमपुरा निवासी किसान महेश भूत ने बताया कि मार्च के महीने में खेत में लौकी बोई थी लेकिन फसल की बोवनी के कुछ दिनों बाद ही लॉकडाउन लग गया। जब तक लौकी की फसल तैयार होती, तब तक शहर में मंडिया भी बंद हो गईं। उन्होंने बताया कि  दो बार लौकी की फसल को बेचने के लिए इंदौर की सब्जी मंडी ले भी गया, लेकिन सब्जी नहीं बिकी। इसके बाद इंदौर ले जाई गई सब्जी लोगों को मुफ्त में ही बांट दी। उन्होंने कहा कि फसल इतनी जबरदस्त थी कि काफी सारी लौकी अभी भी बच गई। जो खेत में ही सड़ने लगी हैं।


महेश भूतों को सोयाबीन के लिए अपना खेत तैयार करना है। खेत मे लौकी पड़ी हुई थी। अगली फसल की तैयारी के लिए महेश को मजदूर लगा कर खेतों में पड़ी  लौकी को हटाना पड़ा और इसके लिए खेत में ट्रैक्टर चला कर लौकी की फसल को नष्ट किया गया। महेश ने बताया कि फसल लगाने में को लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा का खर्च आया है। इस फसल से  तकरीबन चार लाख का मुनाफे की उम्मीद थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण पूरी फसल किसी काम की नहीं रही। मूल धन ही नहीं मिल पाया मुनाफे की तो बात ही अलग है।


बता दें, इंदौर के आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में किसान सब्जियां उगाते हैं। यह किसान इन सब्जियों को इंदौर की मंडियों तक बेचकर अत्यधिक मुनाफा कमाते हैं, लेकिन जिले में लगे लॉकडाउन के कारण कई किसानों की फसल खेतों में ही खराब हो गई है। हालात यह है कि सब्जियां शहर में बिकने के लिए पहुंच नहीं पा रही हैं।