यूक्रेन। यूक्रेनी सेना की हिरासत में मौजूद गुजरात के छात्र साहिल मोहम्मद हुसैन का एक वीडियो मैसेज सामने आया है। इस वीडियो में साहिल ने भारतीय युवाओं से किसी भी हाल में रूसी सेना में शामिल न होने की भावुक अपील की है। यह वीडियो सोमवार को सार्वजनिक हुआ जिसे यूक्रेनी सुरक्षा बलों ने सीधे साहिल की मां तक पहुंचाया और उनसे भारत में जागरूकता फैलाने को कहा। साहिल इस समय यूक्रेन में कहां रखा गया है इसकी सटीक जानकारी अब तक नहीं मिल सकी है।
वीडियो में गहरे हरे रंग की जैकेट पहने साहिल हुसैन ने बताया कि वह साल 2024 में पढ़ाई करने के लिए रूस गया था। वहां आर्थिक परेशानियों और वीजा से जुड़ी दिक्कतों के चलते उसका संपर्क कुछ स्थानीय लोगों से हुआ जो बाद में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार से जुड़े निकले। साहिल ने बताया कि उसने कोई गलत काम नहीं किया। लेकिन इसके बावजूद उसे एक झूठे ड्रग्स मामले में फंसा दिया गया और इसी केस के जरिए उसे ब्लैकमेल किया गया।
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साहिल के अनुसार, रूस में ड्रग्स मामलों में सैकड़ों लोगों को जेल भेजा जा चुका है। लेकिन कथित तौर पर केवल उसी को यह ऑफर दिया गया था कि यदि वह रूसी सेना में शामिल हो जाता है तो उस पर लगा ड्रग्स केस वापस ले लिया जाएगा। मजबूरी में उसने यह शर्त मान ली। साहिल का कहना है कि मात्र 15 दिनों के प्रशिक्षण के बाद ही उसे सीधे युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया। वहां पहुंचते ही उसने सबसे पहले यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद वह यूक्रेनी बलों की हिरासत में चला गया।
वीडियो संदेश में साहिल खुद को बेहद असहाय और डरा हुआ बताता है। वह कहता है कि उसे नहीं पता आगे उसके साथ क्या होगा लेकिन रूस जाने का सोच रहे भारतीय युवाओं के लिए उसका साफ संदेश है कि वे बेहद सावधान रहें। उसने चेतावनी दी है कि रूस में ऐसे कई लोग हैं जो विदेशी युवाओं को झूठे ड्रग्स मामलों में फंसा कर सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर कर सकते हैं।
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साहिल ने भारत सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी से सीधे अपील करते हुए कहा कि वे उसकी मदद करें और सुरक्षित भारत वापसी का रास्ता निकालें। उसने यह भी कहा कि हाल ही में व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे ऐसे में सरकार को उनसे बात कर उसकी रिहाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
इस बीच साहिल की मां ने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है। इस मामले में अगली सुनवाई फरवरी में प्रस्तावित है। परिवार का कहना है कि उन्हें यूक्रेनी सुरक्षा बलों की ओर से भेजे गए वीडियो के अलावा बेटे की स्थिति को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
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गौरतलब है कि बीते 4-5 दिसंबर को पुतिन के भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सामने रूसी सेना में फंसे भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया था और उनकी सुरक्षित वापसी की मांग की थी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, कम से कम 44 भारतीय नागरिक रूसी सशस्त्र बलों में किसी न किसी रूप में फंसे हुए हैं।
साथ ही विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी बयान जारी कर कहा था कि भारत सरकार ऐसे सभी नागरिकों की रिहाई के प्रयास कर रही है जो रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हो गए हैं। उन्होंने रूस में रह रहे भारतीय छात्रों और युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे किसी भी संदिग्ध ऑफर से दूर रहें और तुरंत भारतीय दूतावास से संपर्क करें।
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