अमेरिका। अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप हुए 38 दिन हो चुके हैं और इसका सबसे गंभीर असर अब हवाई यात्रा पर दिख रहा है। देशभर में शुक्रवार को 5,000 से ज्यादा उड़ानें या तो रद्द हुईं या घंटों की देरी से चलीं। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने गुरुवार को घोषणा की थी कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स की कमी के कारण देश के 40 प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानों में कटौती की जाएगी। इसमें न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन डीसी जैसे सबसे व्यस्त हब शामिल हैं।
थैंक्सगिविंग वीकेंड से पहले यह फैसला यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कई प्रमुख एयरलाइंस पहले ही सैकड़ों उड़ानें रद्द कर चुकी हैं। इनमें रीजनल और डोमेस्टिक दोनों तरह की उड़ानें शामिल हैं। जबकि, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अभी इसके दायरे से बाहर रखी गई हैं।
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FAA ने बताया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स पिछले एक महीने से बिना वेतन काम कर रहे हैं और उनकी कमी की वजह से हालात ऐसी हो गई है। एजेंसी का कहना है कि उड़ानों में कटौती धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी। शुक्रवार से 4% की कमी शुरू होकर 14 नवंबर तक यह 10% तक पहुंच जाएगी। सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक यह शेड्यूल लागू रहेगा। अनुमान है कि रोजाना करीब 1800 उड़ानें रद्द हो सकती हैं जिससे 2.68 लाख यात्रियों पर असर पड़ेगा।
डेल्टा एयरलाइंस ने शुक्रवार को 170 उड़ानें रद्द कीं, यूनाइटेड ने 200, अमेरिकन एयरलाइंस ने 220 और साउथवेस्ट ने 100 उड़ानें रद्द कीं। यह सभी एयरलाइंस कुल शुक्रवार शेड्यूल का लगभग 4% हिस्सा हैं। एयरलाइंस फॉर अमेरिका संगठन ने बताया कि वह सरकार के साथ मिलकर यात्रियों की दिक्कतें कम करने की कोशिश कर रहे हैं। FAA ने एयरलाइंस को यह स्वतंत्रता दी है कि वे खुद तय करें कि कौन सी उड़ानें रद्द करनी हैं।
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फ्रंटियर समेत कई बड़ी एयरलाइंस ने अगले दस दिनों के लिए यात्रा करने वालों के लिए एडवाइजरी जारी की है। फ्रंटियर एयरलाइंस के सीईओ बैरी बिफल ने कहा, “अगर आप शुक्रवार या आने वाले दस दिनों में उड़ान भरने वाले हैं तो किसी दूसरी एयरलाइन पर बैकअप टिकट बुक करें। यह बदलाव बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के संभव है।” डेल्टा, अमेरिकन, साउथवेस्ट, यूनाइटेड और फ्रंटियर एयरलाइंस ने भी यात्रियों को टिकट बदलने की छूट दी है। हालांकि, कंपनियों ने साफ किया है कि होटल या अन्य खर्चों की भरपाई नहीं की जाएगी।
शटडाउन के चलते अमेरिका में 13000 एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और करीब 50000 ट्रांसपोर्टेशन सिक्योरिटी एजेंट (TSA) बिना वेतन के काम करने को मजबूर हैं। विपक्षी डेमोक्रेट्स ने इसे ट्रम्प प्रशासन की राजनीतिक चाल बताया है। टेनेसी के डेमोक्रेट सांसद स्टीव कोहेन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासन डेमोक्रेट्स को अपने बजट और नीतिगत प्राथमिकताओं पर झुकाने के लिए सरकारी कामकाज को बंधक बना रहा है। वहीं, रिपब्लिकन नेता टेड क्रूज ने कहा कि FAA के सुरक्षा डेटा में खतरे के संकेत पहले से दिख रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि वेतन न मिलने के कारण कई कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं।
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1 अक्टूबर से शुरू हुआ यह शटडाउन अब अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा बन चुका है। इससे पहले ट्रंप के कार्यकाल में 2018 में 35 दिन तक शटडाउन चला था। इस बार स्थिति और गंभीर है क्योंकि सरकारी योजनाओं पर सीधा असर पड़ा है। कृषि विभाग (USDA) के पास फूड स्टैंप प्रोग्राम के लिए केवल 5 अरब डॉलर का रिजर्व बचा है। जबकि, नवंबर में इसे जारी रखने के लिए 9.2 अरब डॉलर की जरूरत है।
इस वजह से 4.2 करोड़ अमेरिकियों की फूड सहायता अटक गई है। बाइपार्टिसन पॉलिसी सेंटर के अनुसार, अब तक 6.7 लाख सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा गया है और 7.3 लाख कर्मचारी बिना सैलरी के काम कर रहे हैं। कुल मिलाकर लगभग 14 लाख अमेरिकी परिवार कर्ज लेकर गुजारा कर रहे हैं।
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कांग्रेसनल बजट ऑफिस के मुताबिक, फर्लो पर भेजे गए कर्मचारियों की सैलरी का नुकसान करीब 400 मिलियन डॉलर (3300 करोड़ रुपए) प्रतिदिन हो रहा है। CBO डायरेक्टर फिलिप स्वैगल ने कहा कि शटडाउन से सरकारी खर्च में देरी हुई है। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इसका कुछ प्रभाव भविष्य में भी बना रहेगा।
नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एजेंसी (NNSA) ने भी 1,400 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने कहा,“इतिहास में पहली बार परमाणु सुरक्षा एजेंसी का संचालन इस तरह बाधित हुआ है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हालात नहीं सुधरे तो यह परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर असर डाल सकता है।