मप्र के 21 शहरों को दो घंटे ग्रीन पटाखे चलाने की छूठ, ग्वालियर सिंगरौली में पटाखों पर टोटल बैन

एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से 200 के बीच वाले शहरों में ग्रीन फुलझड़ी, अनार, चकरी चलाने की छूट, लड़ी वाले पटाखे और रस्सी बम पर पूरी तरह प्रतिबंध, सरकार से ग्रीन लेवल प्राप्त पटाखे ही चलाने की परमीशन

Publish: Nov 02, 2021, 07:35 AM IST

Photo courtesy: Amar ujala
Photo courtesy: Amar ujala

भोपाल। सरकार की ओर से प्रदेश में पटाखों को लेकर स्थिति साफ कर दी गई है। दिवाली से पहले  जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि जिन शहरों का प्रदुषण स्तर कम है वहां पर ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण ना के बराबर होता है। वहीं ये ज्यादा आवाज भी नहीं करते। 21 शहरों के लिए सरकार ने दो घंटे का वक्त निर्धारित किया है। वहीं सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले प्रदेश के दो जिलों ग्वालियर और सिंगरौली में पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह बैन लगाया गया है।

 21 जिलों को केवल 2 घंटे पटाखे चलाने की छूट

जिन शहरों में रात 8 बजे से 10 बजे के बीच 21 पटाखे फोड़ने की परमीशन है, उनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना, रीवा, सागर, छतरपुर कटनी, हरदा, धार, रतलाम, रायसेन, नीमच, उज्जैन, होशंगाबाद, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दमोह, अनूपपुर, देवास, बुरहानपुर, बड़वानी और आलीराजपुर शामिल हैं। इन शहरों में कम आवाज और कम प्रदूषण फैलाने वाले ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे। रिपोर्ट्स का दावा है कि इन 21 शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से 200 के मध्य दर्ज किया गया था। जबकि ग्वालियर और  सिंगरौली का 211 से 248 के बीच था, यह पर्यावरण के साथ-साथ इंसान की सेहत के लिए भी खतरनाख माना जाता है कम आवाज और धीमी रोशनी वाले पटाखों को फोड़ा जा सकता है, वहीं अस्पतालों और स्कूलों के आसपास किसी तरह के पटाखे नहीं फोड़े जा सकते हैं। वहीं पूरे प्रदेश में 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज वाले पटाखे फोड़ने की मनाही है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि ग्रीन पटाखों के लिए पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन और नीरी ने क्लासिफिकेशन किया है। एप्रूवल वाले ग्रीन पटाखों का ग्रीन फायरवर्क का हरा रंग का लोगो प्रिंट होना अनिवार्य है। इनमें फुलझड़ी, अनार, चकरी शामिल हैं। वहीं बेरियम सॉल्ट से बने और तेज आवाज वाले रस्सी बम, लड़ी बम पर टोटल बैन किया गया है। इनके निर्माण, बिक्री और फोड़ने पर रोक है। ना तो आफलाइन और ना हीं आनलाइन इन पटाखों की बिक्री की जा सकेगी।

वहीं सरकार की ओर से जारी परमीशन में अच्छी एयर क्वालिटी वाले 29 जिलों में लोगों को पटाखे चलाने की परमीशन दी गई है। विदिशा, खरगोन, सीहोर,  छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, शाजापुर, बालाघाट, निवाड़ी, गुना, झाबुआ, नरसिंहपुर, छतरपुर, खंडवा, शिवपुरी, रीवा, सीधी, राजगढ़, बैतूल, सतना, पन्ना, दतिया, मंडला, सिवनी, अशोकनगर, शहडोल, डिंडौरी, उमरिया, मंदसौर और आगर में पटाखों पर छूट रहेगी। इन शहरों में पिछले साल हवा की गुणवत्ता सूचकांक अन्य जिलों से बेहतर था। दिवाली के त्यौहार का खास आकर्षण पटाखे होते हैं, जिसे लेकर कई संगठन अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। वहीं कोर्ट ने भी तेज आवाज और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को लेकर बैन लगाया है। अब बीच के रास्ते के तौर पर ग्रीन पटाखों को परमीशन दी गई है।