भोपाल। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में कराए जा रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सियासत गर्म है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां वोट चोरी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि SIR के माध्यम से राज्य में डेढ़ करोड़ मतदाताओं के नाम काटने की साजिश चल रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को भोपाल में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि एसआईआर के नए नियमों में नागरिकों से नागरिकता का प्रमाण मांगा जा रहा है, जो गरीब, बेघर और वंचित वर्गों के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची तैयार करना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है, न कि नागरिकों से नागरिकता साबित करने की मांग करना। उन्होंने कहा कि सन 2003 में जन्म-तिथि, राशन कार्ड, स्कूल सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज पर्याप्त थे, लेकिन अब नागरिकता प्रमाण-पत्र मांगा जा रहा है, जो 99 फीसदी भारतीयों के पास नहीं है।
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दिग्विजय सिंह ने मांग की कि चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा होते ही मतदाता सूचियों को फ्रीज करे।ताकि उसके बाद कोई भी नाम घटाया बढ़ाया न जा सके। सिंह ने कहा कि आयोग जो मतदाता सूची उम्मीदवारों को देती है और चुनाव के दिन जो पीठासीन अधिकारी के पास होती है उनमें अंतर होता है। सैकड़ों मतदाताओं को इस सप्लीमेंट्री सूची की आड़ में मतदान से वंचित किया जाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में 62 लाख वोटरों के नाम काटे गए हैं, जिनमें अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। भाजपा इसे ‘घुसपैठ रोकने’ के नाम पर राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय 88 हजार घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर किया गया था, जबकि एनडीए सरकार ने 2014 से अब तक केवल 2400 लोगों की पहचान की है, जो कुल का मात्र 3 प्रतिशत है। लेकिन बिहार में एक झटके में घुसपैठ का हल्ला मचाकर 62 लाख नाम काट दिए गए।
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इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस ने 25 दिन पहले हर विधानसभा में एक SIR प्रभारी तैनात किया है, 90 फीसदी बूथों पर BLA-2 तैयार हो चुके हैं और डेढ़ लाख कार्यकर्ता चौबीस घंटे मैदान में सक्रिय हैं। काग्रेस एक भी देशभक्त का नाम नहीं कटने देगी। पटवारी ने बताया कि 25 से 30 नवंबर तक दिल्ली में देशव्यापी महारैली होगी। रामलीला मैदान से लाखों कार्यकर्ता पैदल मार्च करेंगे और 30 नवंबर को राष्ट्रपति भवन के सामने पाँच किलोमीटर लंबी मानव-श्रृंखला बनेगी। कांग्रेस 5 करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपेगी। इसके लिए मध्य प्रदेश से 50,000 कार्यकर्ता 100 विशेष ट्रेनों से दिल्ली पहुँचेंगे।