लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो छापने लगा नकली नोट, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

आरोपी पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी, शराब दुकान, ठेले वालों को वो नकली नोट चला देता था। सौ रुपए के नोट आसानी से चल जाते थे। किसी को कोई शक भी नहीं होता था। इसलिए सौ के नोट उसने ज्यादा छापे थे।

Updated: May 07, 2023, 12:36 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिला कोर्ट ने एक युवक को नकली नोट छापने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। दरसअल, लॉक डाउन में नौकरी जाने के बाद युवक ने नकली नोट छापने का धंधा शुरू कर दिया था। उसने यू-ट्यूब से नकली नोट बनाने की कला सीखी थी। युवक असली नोट को घर पर ही स्कैन करके उसे प्रिंट करता था। जिसे वह छोटी दुकानों पर चलाता था। उसने 100, 500 और 2 हजार के जाली नोट ज्यादातर छापे थे। गिरफ्तारी के दो साल बाद अब कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

इंदौर जिला कोर्ट चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय जयदीप सिंह ने शनिवार 6 मई को थाना अपराध शाखा, इन्दौर में निर्णय पारित करते हुए आरोपी राजरतन, निवासी- आजाद नगर, इंदौर को धारा 489-(A, B) भारतीय दंड संहिता में आजीवन कारावास तथा धारा 489 (C) भारतीय दंड संहिता में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 3 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया।

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दरअसल, पुलिस ने आरोपी राजरतन को करीब दो साल पहले जाली नोट के साथ पकड़ा था। उसके पास से 2 लाख 53 हजार 100 रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे। कुछ जाली नोट वह सब्जी मंडी, ठेलेवालों और शराब दुकान पर चला चुका था। आरोपी को कोर्ट ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इंदौर में ऐसा पहला मामला माना जा रहा है, जब नकली नोट छापने पर आरोपी को उम्र कैद की सजा हुई है।

पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आई थी की आरोपी 12वीं तक पढ़ा है। लॉकडाउन में नौकरी छूटने के कारण वो बेरोजगार हो गया था। यू-ट्यूब पर एक दिन उसने नकली नोट छापने का वीडियो देखा और इसके बाद वो स्कैनर, प्रिंटर खरीद कर ले आया। शुरुआत के 20 दिन वो नकली नोट छापने की प्रैक्टिस करता रहा। पकड़ में आने के दो महीने पहले ही उसने नकली नोट छापने का काम शुरू किया था। पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी, शराब दुकान, ठेले वालों को वो नकली नोट चला देता था। सौ रुपए के नोट आसानी से चल जाते थे। किसी को कोई शक भी नहीं होता था। इसलिए सौ के नोट उसने ज्यादा छापे थे।