मुख्यमंत्री जी बीजेपी नेताओं के शोषण से बरबाद हो रही हैं बेटियाँ, देखिए झाबुआ के भाजपा नेताओं का चाल-चरित्र

भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक पर दो महिलाओं द्वारा यौन शौषण का आरोप लगाए जाने के बाद एक बार फिर भाजपा के चरित्र पर उठे सवाल

Updated: Jul 09, 2021, 03:28 AM IST

झाबुआ। झाबुआ में भाजपा के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक पर एक के बाद एक दो महिलाओं द्वारा यौन शौषण के आरोप लगाए जाने के बाद एक बार फिर जिले में "भाजपा" के चेहरे रहे नेताओं के "चरित्र" पर सवाल खड़े हो गए हैं। ये पहला मौका नहीं है जब भाजपा का चेहरा इस तरह से दागदार हुआ है। पिछले पांच सालों में लगातार इस तरह के मामले सामने आए हैं। ऐसे प्रकरणों के चलते एक जिलाध्यक्ष और जिला महामंत्री को अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी तो वही पूर्व विधायक जो टिकट की दौड़ में शामिल थे, वे पिछड़ गए और अब फिर से संगठन में काम कर के राजनीति में अपना रास्ता तलाशने में लगे हैं।
                                                                                                                                                                                आरोपों में उलझे ये हैं भाजपा के चेहरे 
1. लक्ष्मण सिंह नायक-  वर्तमान में भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक पर फरवरी माह में बामनिया की एक महिला ने यौन शौषण का आरोप लगाया था। इसके बाद से वह महिला एसपी से लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री तक को शिकायत कर चुकी है, लेकिन उसकी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

पिछले दिनों गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के झाबुआ दौरे पर महिला अपने पति के साथ उनसे मिली थी और कहा था कि अब न्याय नहीं मिला तो वह अपने दोनो बच्चों के साथ भाजपा कार्यालय के सामने आत्महत्या कर लेगी। बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह मामला अभी सुलग ही रहा था कि पिटोल क्षेत्र के ग्राम खेड़ी की एक महिला का ऑ़डियो/ वीडियो भी वायरल हो गया जिसमें महिला अपने पति को जेल से छुड़ाने के एवज में जिला अध्यक्ष के यौन शोषण का शिकार होती रही। पति फिर भी नहीं छूटा पर लक्ष्मण नायक पर आरोप दर आरोप भाजपा की साख में बट्टा जरूर लगा रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष पर दोनों ही महिलाओं के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए लक्ष्मण सिंह नायक ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। और यह तब बोल रहे हैं जब दोनों ही बार महिलाओं से बातचीत के उनके ऑडियो वायरल हो चुके हैं। महिलाएं सामने आकर बयान भी दे चुकी हैं पर लक्ष्मण नायक का कुछ न बिगड़ा। 


2.मनोहर सेठिया 

13 मार्च 2018 को पार्टी ने उन्हें भाजपा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। कार्यकाल को 6 महीने ही हुए थे कि सेठिया के आपत्तिजनक फोटो वायरल हो गए। एक फोटो में महिला उन्हें शराब पिला रही थी तो दूसरी फोटो में वे एक महिला के गले में हाथ डालकर बैठे हैं। इस प्रकरण के बाद सेठिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

 
3. शांतिलाल बिलवाल (पूर्व विधायक भाजपा)झाबुआ से भाजपा के पूर्व विधायक रहे शांतिलाल बिलवाल के खिलाफ 18 नवंबर 2019 को ग्राम मोहनपुरा की एक युवती ने ज्यादती का प्रकरण दर्ज करवाया था। युवती का आरोप था कि शादी का झांसा देकर बिलवाल 2004 से उसका शोषण कर रहे हैं। इस प्रकरण में बिलवाल को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। पूर्व में बिलवाल के विधायक रहते हुए भी यही युवती उनके खिलाफ शिकायत कर चुकी थी लेकिन मामला रफादफा हो गया था।  


4. दिलीप कुशवाह (पूर्व जिला महामंत्री) भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री दिलीप कुशवाह पर चार साल पहले एक तलाकशुदा महिला ने सीमावर्ती राजस्थान राज्य के उदयपुर में सुखेर थाने पर ज्यादती का प्रकरण दर्ज करवाया था। इस प्रकरण में उन्हें पद के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया गया। कुशवाह को जेल भी जाना पड़ा। प्रकरण अभी न्यायालय में विचाराधीन है। 

ये भी घिरे आरोपो में, गंवानी पड़ी कुर्सी
 

5. शैलेष दुबे

भाजपा जिलाध्यक्ष रहते हुए ही 26 मार्च 2015 को पुलिस ने गोपाल कॉलोनी स्थित उनके मकान "गोपालन" पर रेड डाली थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि दुबे के मकान पर भारत ऑस्ट्रेलिया मैच के दौरान क्रिकेट का सट्टा लगाया जा रहा है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही मौके से 15 हजार 500 रुपए नकद और 8 मोबाइल जब्त किए थे। इस मामले में पुलिस ने तब के भाजपा जिलाध्यक्ष दुबे को भी सह आरोपी बनाया था। इसके बाद उनकी कुर्सी चली गई। हालांकि इस प्रकरण में बाद दुबे को हाई कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी।

गृह मंत्री से न्याय की उम्मीद करना बेमानी है - दिग्विजय सिंह
झाबुआ में जो भी भाजपा जिलाध्यक्ष रहे हैं, वे किसी न किसी विवाद के घेरे में रहे हैं। मौजूदा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक को लेकर बामनिया की एक महिला की शिकायत मुझे मिली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं और शासन का भी आदेश है कि कोई भी महिला यदि देह शोषण की रिपोर्ट करती है तो प्राथमिकता के आधार पर उसके खिलाफ सख्ती से कार्यवाई होनी चाहिए। महिला ने झाबुआ में गृह मंत्री को भी शिकायत की लेकिन कार्यवाई तो दूर की बात खुद प्रदेश के गृह मंत्री अपनी गाड़ी में लक्ष्मण सिंह नायक को बैठाकर पुलिस के कार्यक्रम में ले गए। उसे मंच पर बैठाया। ऐसे में अब उनसे क्या उम्मीद की जाए। क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन गृह मंत्री नहीं कर रहे। यह मामला बेहद गंभीर है और मै इस संबंध में खुद मुख्यमंत्री को पत्र लिखूंगा।  

क्या मुख्यमंत्री न्याय दिला पाएंगे इन महिलाओं को 

इन वाकयों में एक खास ट्रेंड देखने को मिलता है कि कैसे भाजपा ऐसे लोगों को जिले में पार्टी की कमान सौंप रही है जो अक्सर महिला विवादों के साथ बदनाम और पद छोड़ने को मजबूर रहे हैं। ऐसे में महिलाओं को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के वादे और इरादे सवालों के घेरे में आ जाते हैं। न्याय तो दूर शोषण की शिकायत तक के लिए महिलाएं भटक रही हैं और उनके दुख पर नमक छिड़कने का काम तब होता है जब आरोपी बड़े बड़े नेताओं की शह में रहते हैं।