भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफिले की गाड़ियों के आपस में टकराने की खबरों को लेकर असमंजस की स्थिति है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक दोनों के काफिले की गाड़ियां उस वक्त आपस में टकरा गईं, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  औचक निरीक्षण के दौरान अचानक एक जगह रुक गए।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने तय कार्यक्रम के अनुसार एयरपोर्ट से लालघाटी होते हुए घर जा रहे थे। उसी दौरान सीएम शिवराज औचक निरीक्षण पर निकले हुए थे। सीएम चौहान का काफिला जब वीआईपी रोड से गुजर रहा था तभी अचानक सीएम ने अपनी गाड़ी रुकवा दी। सीएम वीआईपी रोड पर लगाए गए पौधों को देखने लगे। इस दौरान अचानक काफिला रुकने के कारण कई वाहन आपस में टकरा गए। 

अचानक हुए इस वीआईपी मूवमेंट के वजह से ट्रैफिक व्यस्था पूरी तरह से फेल हो गई। पूर्व सीएम कमलनाथ का काफिला भी सीएम के काफिले के पीछे आ रहा था और उन्हें भी अचानक ब्रेक लगाना पड़ा जिससे काफिले की कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई। अचानक लगे इस ब्रेक के कारण आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियां आपस में टकराती चली गई। इनमें कुछ गाड़ियां पुलिस की थी वहीं कुछ मीडिया कर्मियों की भी थीं।

यह टक्कर इतनी तेज़ थी कि कई गाड़ियों का आगे का हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो गया। गनीमत यह रही कि इस दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। 

हालांकि भोपाल के एडीजी का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ के काफिले के वाहनों के आपस में टकराने की खबर गलत है। सच्चाई यह है कि कमलनाथ के काफिले के वाहनों की ही आपस में टक्कर हुई है। इसमें मुख्यमंत्री के काफिले के वाहन शामिल नहीं है।

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बहरहाल, एडीजी के बयान से भी इतना तो साफ ही है कि वीआईपी मूवमेंट के दौरान गाड़ियों की टक्कर हुई है। ऐसे में इसे वीआईपी सुरक्षा में चूक तो माना ही जाएगा। सवाल यह भी है कि क्या वीआईपी मूवमेंट की जानकारी को लेकर कोऑर्डिनेशन की कमी थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ? कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम शिवराज के औचक निरीक्षण का अलर्ट मैसेज वायरलेस पर चला था। इसके बावजूद डीआईजी, एसपी, एडिशनल एसपी, सीएसपी समेत कोई बड़ा अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था।