भोपाल। हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ दीपक मरावी को नर्सों से छेड़छाड़, दुष्कर्म करने के प्रयास, धमकाने की शिकायत के मामले में जांच समिति ने क्लीन चिट दे दी है। स्वास्थ्य विभाग के संभाग आयुक्त डॉ गुलसर बामरा की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन अरविंद राय को सौप दी है। 



हमीदिया अस्पताल की नर्सों ने 14 जून को डॉ दीपक मरावी की लिखित शिकायत चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने 15 जून को चिकित्सा संभाग आयुक्त गुलशन बामरा की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय जाँच कमिटी का गठन किया था। जाँच समिति द्वारा 5 दिनों के भीतर हमीदिया अस्पताल की करीब 400 से अधिक नर्सों के बयान लिए गए हैं। इस आधार पर जांच पूरी की गई है।



इस जांच रिपोर्ट में हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ मरावी का महिलाओं के प्रति आचरण असंवेदनशील बताया गया है। इसके साथ ही हमीदिया अस्पताल का माहौल महिलाओं के अनुकूल नहीं बताया गया है बावजूद इसके डॉ मरावी को छेड़छाड़, दुष्कर्म के प्रयास, धमकाने के मामले में क्लीन चिट दे दी गई। समिति ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि हमीदिया में अवकाश स्वीकृत करने की व्यवस्था आसान बनाई जाए, मानव संसाधन से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत समिति का गठन करें। शिकायत पेटी रखी जाए। डा. मरावी के खिलाफ शिकायत करने वालीं महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। उन महिलाओं को कोई हतोत्साहित नहीं करे।



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वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने सरकारी संरक्षण के चलते नर्सों के साथ अन्याय का आरोप लगाया। कांग्रेस की मीडिया उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने डॉ दीपक मरावी को क्लीन चिट देने पर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि 50 से अधिक नर्सों के साथ यौन शौषण करने वाले हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ.दीपक मरावी को मिली क्लीन चिट। सरकार के संरक्षण के चलते नही मिला नर्सों को न्याय, डॉ मरावी को बिना निलंबित किए जांच को किया प्रभावित। रक्षक बनने वाले ही बने भक्षक। शर्मनाक!