इंदौर। राजपूत समाज के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विरोध का सामना करना पड़ा। जातिगत आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज इंदौर में राजपूताना संघ के कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे थे। उनके संबोधन के दौरान कुछ लोगों ने जमकर नारेबाजी की। उन्हीं में से एक शख्स मंच की और मुख्यमंत्री से मिलने के लिए बढ़ा लेकिन पुलिस और वहां मौजूद लोगों ने उसे रोक दिया। बाद में उस शख्स ने बाथरूम में बंद किए जाने का आरोप भी लगाया।

और पढ़ें: Sanchi By Poll 2020: मतदाताओं के सवालों से घिरे मंत्री पुत्र पर्व चौधरी

जातिगत आरक्षण खत्म करने की मांग करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं। विरोध प्रदर्शन करने वालों ने याद दिलाया कि साल 2018 के चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि हमें सामान्य वर्ग के वोट नहीं चाहिए। कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब ठाकुर राजपूतों के वोट नहीं चाहिए तो अब वोट मांगने क्यों आ गए। राजपूत समाज की महिलाओं ने कहा कि जातिगत आरक्षण की वजह से उनके बच्चे नौकरियों के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। लेकिन उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही है। 

और पढ़ें: MP By Election 2020: इमरती देवी और कंसाना के चुनाव क्षेत्रों में हिंसा, बीजेपी-कांग्रेस के समर्थकों में टकराव

दरअसल इंदौर के नक्षत्र गार्डन में मंगलवार को शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां मुख्यमंत्री राजपूत समाज को संबोधित करने पहुंचे थे। इसी बीच वहां मौजूद लोगों ने जातिगत आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी और हंगामा करने लगे। राजपूत समाज के इस कार्यक्रम में प्रदेशभर के करीब 15 जिलों के लोग शामिल हुए थे। 

कार्यक्रम में विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री जल्द ही सभा को संबोधित करके निकल गए। बहाना बनाया कि ‘आपके बुलावे पर आया हूं, कई और जगहों पर जाना है।’ राजपूत समाज को लुभाने की कोशिश में शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के मनुआभान टेकरी पर रानी पद्मावती का भव्य स्मारक जल्द ही बनाए जाने का एलान भी किया।