Ramnivas Rawat: श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56 टिकली में देख होता है दुःख

Jyotiraditya Scindia: बीजेपी के पोस्टर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की छोटी फोटो, कांग्रेस नेता रामनिवास रावत ने ली चुटकी

Updated: Sep 08, 2020, 04:22 AM IST

भोपाल। कांग्रेस में सम्मान ना मिलने की दुहाई देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी का बरसों पुराना साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। लेकिन बीजेपी में श्रीमंत सिंधिया को कितना सम्मान मिल रहा है इसकी बानगी हाल ही में देखने को मिली। बीजेपी के एक पोस्टर में सिंधिया को एक छोटा सा स्थान मिला है। इसपर कांग्रेस ने तंज कसा है “56 टिकली में श्रीमंत”।

दरअसल  बीजेपी नेता भगवान दास सबनानी को मध्यप्रदेश बीजेपी का प्रदेश महामंत्री बनाए जाने पर एक पोस्टर छापा गया था। जिसमें बीजेपी के बड़े नेताओं के बड़े आकार की तस्वीरें छापी गई हैं। वहीं प्रदेश के मंत्रियों और अन्य नेताओं की लाइन में सिंधिया की तस्वीर को भी जगह दी गई है। उनकी तस्वीर काफी छोटी दिखाई गई है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘56 टिकली में श्रीमंत सिंधिया'। उन्होंने लिखा है कि बड़ा दुख होता है इस तरह अपने प्रिय नेता को सम्मानित होते हुए देखकर’। गौरतलब है कि बीजेपी के इस पोस्टर में ज्योतिरादित्य सिंधिया को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, कैलाश विजयवर्गीय और प्रभात झा के साथ स्थान मिला है। वहीं इसी पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बड़ी तस्वीर छपी है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा की तस्वीरें बड़ी साइज में छापी गई हैं। जबकि बाकी नेताओं के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की छोटी सी तस्वीर टिकली में छापी गई है। सिंधिया के बाद नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह समेत अन्य नेताओं को स्थान मिला है।

गौरतलब है कि बीजेपी के खेमे में जाने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे हैं। चाहे प्रदेश की राजनीति हो या केंद्रीय स्तर की राजनीति उन्हें हर जगह सम्मान मिला। लेकिन बीजेपी में जाते ही उन्हें दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेताओं के साथ स्थान दिया जाने लगा है। कांग्रेस इस तरह के मौके पर सिंधिया को बार बार उनके पुराने दिन याद दिलाने से नहीं चूकती। आनेवाले दिनों में राज्य में बागियों की वजह से खाली हुई विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव होनेवाले हैं। ऐसे में दोनों ही दल एक दूसरे पर निशाना साधने के कोई मौके नहीं चूकते।