दुर्गाष्टमी के अवसर पर नामांकन दाखिल करेंगे दिग्विजय सिंह, कार्यकर्ताओं से की पोलिंग बूथ पर रहने की अपील

दुर्गाष्टमी के मौके पर 16 अप्रैल को 11.30 से 12.30 के बीच राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से पर्चा भरेंगे दिग्विजय सिंह, कार्यकर्ताओं से की मतदाताओं के बीच रहने की अपील

Updated: Apr 12, 2024, 10:34 AM IST

राजगढ़। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। थर्ड फेज के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। तीसरे चरण में राजगढ़ हॉट सीट है जहां से कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह मैदान में हैं। सिंह 16 अप्रैल को पर्चा दाखिल करेंगे। नामांकन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने समर्थकों से अपील की है कि उस वक्त वे मतदाताओं के बीच रहें।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'मेरे प्रिय कांग्रेसजन, साथी और समर्थकों, मैं 16 अप्रैल 2024 को राजगढ़ लोकसभा के लिए अपना नामांकन भरने जा रहा हूँ। निश्चित ही यह आप सबके लिए एक गर्व व ताक़त प्रदर्शित करने का अवसर है। परंतु मैं निवेदन करना चाहता हूँ कि जिस वक्त मैं अपना पर्चा दाखिल कर रहा हूँ उस वक्त आप मेरी बजाय मतदाताओं के बीच रहें। अपने अपने पोलिंग बूथ पर जाकर बूथ कमेटी की मीटिंग करें।'

सिंह ने आगे लिखा, 'कांग्रेस के वादे और मेरे इरादे को लेकर आप जहां भी जाएँ उसके फ़ोटो और वीडियो बनाकर अपने-अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर मुझे टैग करते हुए शेयर करें। आपका यह सहयोग ही मेरी ताक़त और कांग्रेस की विजय गाथा लिखेगा।'

पूर्व मुख्यमंत्री मुहूर्त के अनुसार नामांकन दाखिल करने वाले हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि मैं दुर्गाष्टमी 16 अप्रैल को 11.30 से 12.30 के बीच अपना राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के लिए फॉर्म भरूँगा। इस क्षेत्र के मेरे सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मेरी प्रार्थना है कि आप कृपया उस समय अपने पोलिंग बूथ पर रह कर पोलिंग बूथ कमेटी की बैठक करें व चुनाव प्रबंधन की रणनीति बनाएँ।

राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में राजगढ़, खिलचीपुर, ब्यावरा, नरसिंहगढ, सारंगपुर, सुसनेर, चाचौड़ा और राघौगढ़ क्षेत्र आता है। यह क्षेत्र दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है। वह दो बार यहां से सांसद भी रहे हैं। इसके बाद इस्तीफा देकर वे मुख्यमंत्री बने। हाल के वर्षों में दिग्विजय का गढ़ कहलाने वाला राजगढ़ भाजपा की झोली में चला गया था। इस बार चूंकि स्वयं दिग्विजय सिंह मैदान में उतर गए हैं ऐसे में भाजपा का यहां जीतना नामुमकिन माना जा रहा है।