मिनी स्कर्ट और क्रॉप टॉप में नहीं मिलेगी मंदिरों में एंट्री, जबलपुर में महिलाओं को लेकर विवादास्पद फरमान
मंदिरों में एंट्री के लिए हिंदू सेवा परिषद नाम के एक संगठन ने अपनी ओर से महिलाओं के पहनावे पर फरमान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कटी-फटी जींस में मंदिर नहीं आएं।

जबलपुर। मध्य प्रदेश में नवरात्रि को लेकर एक बार फिर कट्टरपंथी संगठनों द्वारा अजीबोगरीब फरमान जारी होने लगे हैं। हाल ही में इंदौर बीजेपी के अध्यक्ष ने गरबा में एंट्री के लिए गौमूत्र पिलाने की बात कही थी। अब जबलपुर में स्वघोषित धर्म के ठेकेदारों ने मंदिरों में एंट्री के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिए हैं।
मंदिरों में एंट्री के लिए हिंदू सेवा परिषद नाम के एक संगठन ने अपनी ओर से महिलाओं के पहनावे पर फरमान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कटी-फटी जींस में मंदिर नहीं आएं। इस संबंध में बैनर भी सभी मंदिरों में लगाए गए हैं।
इसपर लिखा है कि सभी महिलाएं एवं पुरुष मंदिर में मर्यादित कपड़े में ही आएं। छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमूडा, नाइट सूट, मिनी स्कर्ट, कटी-फटी जींस व क्रॉप टॉप अभद्र कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश न करें।इसमें लिखा है कि महिलाएं विशेषतः आदर्श जनक कपड़े का उपयोग करें। जैसे साड़ी और सलवार सूट।
परिषद के पदाधिकारी नितिन सोनपाली ने कहा कि यह फरमान मंदिरों की मर्यादा और भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए आवश्यक हैं। नितिन के मुताबिक यह कदम भारतीय सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए उठाया गया है, क्योंकि पश्चिमी पहनावे को लेकर उनका मानना है कि यह भारतीय संस्कृति को नष्ट करने की साजिश का हिस्सा है और हम इसे नष्ट नहीं होने देना चाहते हैं।
हिंदू सेवा परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर कोई महिला या युवती इस तरह के कपड़े पहनकर दुर्गा पंडाल या मंदिरों में आती है तो वह उसका खुलकर विरोध करेंगे।