झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात सीमेंट से भरा ट्रॉले ने पहले ईको वैन को टक्कर मारी, फिर घसीटते हुए ले गया और वैन पर पलट गया। इस भीषण हादसे में वैन सवार 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 5 साल के बच्चे समेत दो गंभीर घायल हैं। 

यह हादसा भावपुरा गांव के पास कल्याणपुरा में हुआ। इनमें 4 बच्चे, 3 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। घटना के बाद ट्रॉला चालक मौके से फरार हो गया है। मृतकों में मुकेश खपेड़ (40), उनकी पत्नी सावली (35), बेटा विनोद (16), बेटी पायल (12), मढ़ी बमनिया (38), विजय बामनीय (14), कांता बमनिया (14), रागिनी बमनिया (9) और अकली परमार (35) शामिल हैं। हादसे में पायल परमार (19) और 5 वर्षीय आशु बमनिया घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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जानकारी के अनुसार, वैन में सवार सभी लोग मेघनगर तहसील के शिवगढ़ महुड़ा के रहने वाले थे। थांदला और मेघनगर पुलिस टीम एम्बुलेंस के साथ मौके पर पहुंची। घायलों और मृतकों को थांदला सिविल अस्पताल और मेघनगर अस्पताल ले जाया गया। झाबुआ के एसपी पदम विलोचन शुक्ला ने बताया, 'मेघनगर के पास सीमेंट से भरा ट्रॉला पलटकर ईको वैन पर गिर गया। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई, दो घायल हैं। घटना मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात देर रात करीब 3 बजे की है।'

बताया जा रहा है कि सजेली रेलवे फाटक के ऊपर ओवर ब्रिज का निर्माण चल रहा है। इसके पास हादसा हुआ। सामने से आ रहा ट्रॉला काफी स्पीड में था। ईको वैन मेघनगर की ओर से आ रही थी। तभी ट्रॉला वैन को घसीटते हुए कुछ दूरी पर ले गया। एक गड्ढे में वैन पलट गई और उसके ऊपर ट्रॉला गिर गया। जिसमें सभी लोग दब गए। जेसीबी मशीन और कटर से वैन को काटकर शवों और घायलों को बाहर निकाला गया।

ग्रामीणों का कहना है कि निर्माणाधीन ओवर ब्रिज पर कार्य कर रही कंपनी ने संकेतन नहीं लगाए थे, इसी कारण हादसा हुआ। इसके तुरंत बाद कंपनी ने संकेतन लगा दिए। ग्रामीण अजीत डामोर ने कहा कि हमने दो जेसीबी और एक पोकलेन मशीन बुलाई, जिसकी मदद से ट्रक के नीचे दबी ईको वाहन को निकाला। कटर की सहायता से काटकर शव निकाले गए। जेसीबी मशीन और पोकलेन आने में करीब 2 घंटे का समय लग गया। अगर जल्दी आ जाती तो ड्राइवर की जान बच सकती थी। हादसे को लेकर पूरी लापरवाही ब्रिज का निर्माण करने वालों की है।