किर्गिस्तान में फंसे सैंकड़ों भारतीय स्टूडेंट्स, हॉस्टल में घुसकर पीट कर रहे क्रिमिनल्स, एंबेसी नहीं कर रही कोई मदद

उज्जैन के एक स्टूडेंट ने अपने परिजनों को बताया कि पड़ोसी देश पाकिस्तान ने प्लेन भेजकर अपने स्टूडेंटस का रेस्क्यू कर लिया है, लेकिन भारत सरकार की ओर से कोई मदद करने वाला नहीं है।

Updated: May 20, 2024, 09:50 PM IST

उज्जैन। किर्गिस्तान में इन दिनों भारतीय, पाकिस्तानी व बांग्लादेशी मूल के छात्रों की हालत खराब है। भारत के सैंकड़ों स्टूडेंट्स वहां फंसे हुए हैं। स्थानीय क्रिमिनल्स द्वारा हॉस्टल में घुसकर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की जा रही है। लेकिन भारत सरकार अथवा एंबेसी में उनकी कोई मदद करने वाला नहीं है।

किर्गिस्तान में हो रही ‎हिंसा के बीच मध्य प्रदेश के उज्जैन के 10 से ज्यादा स्टूडेंट्स वहां फंसे‎ हैं। वे इतने डरे और ‎सहमे हुए हैं कि किसी भी तरह ‎जल्द से जल्द वतन वापसी ‎चाहते हैं। राजधानी ‎बिश्केक और आसपास के इलाकों में निवासरत इन स्टूडेंट्स को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

किर्गिस्तान के बिश्केक में रह रहे उज्जैन के राज सोलंकी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी जान पर खतरा है। क्रिमिनल्स हॉस्टल में घुसकर पीट रहे हैं। पिछले तीन दिन से रात होते ही भीड़ हॉस्टल में घुसकर बाहरी स्टूडेंट्स को पीट रही है। जब तक बेहोश नहीं हो जाएं, तब तक पीटा जा रहा है। कोई सिक्योरिटी नहीं है, गेट लॉक कर और परदे लगाकर रखने को कहा जा रहा है। पाकिस्तान ने दो प्लेन भेजकर अपने स्टूडेंटस को निकाल लिया है। इंडियन एम्बेसी हमारी कोई मदद नहीं कर रही। भारत सरकार से गुजारिश है कि हमें जल्द यहां से निकालें।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिश्केक में 13 मई को मिस्र और किर्गिज छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद स्थानीय किर्गिज छात्रों ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेशी छात्रों को निशाने पर ले लिया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पीएमओ से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी से कहा कि भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से लाने का इंतज़ाम करें।