होलिका दहन पर रोक से भड़के कैलाश विजयवर्गीय, प्रशासन ने एक न सुनी

इंदौर में होलिका दहन पर लगी रहेगी रोक, विजयवर्गीय ने करार दिया आपत्तिजनक फैसला, कलेक्टर बोले, विरोध करने वाले भी अब सहमत

Updated: Mar 27, 2021, 03:20 AM IST

Photo Courtesy: Zeenews
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इंदौर। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच मध्यप्रदेश के कई शहरों में सख्ती बढ़ा दी गई है।इंदौर में कोरोना पर काबू करने के लिए जिला प्रशासन ने निर्णय लिया कि शहर में होली नहीं मनाई जाएगी। इंदौर प्रशासन के इस फैसले पर सत्तारूढ़ बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भड़क गए। विजयवर्गीय ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा कि जनता की भावनाएं आहत होंगी। हालांकि, इंदौर कलेक्टर ने इसके बावजूद भी फैसले में बदलाव से इनकार कर दिया है।

दरअसल, गुरुवार को क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक हुई थी जिसमें निर्णय लिया गया कि रविवार को लॉकडाउन के बाद होली के दिन सोमवार को भी लॉकडाउन जैसी सख्ती बरकरार रहेगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने मीटिंग के बाद बताया कि शहर में होली का त्यौहार मनाने को लेकर किसी भी तरह की अनुमति नहीं दी जाएगी। पहले निर्देश थे कि होलिका दहन सोमवार को कर सकेंगे, लेकिन कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए बताया कि राजवाड़ा पर जलने वाली शासकीय होली भी इस बार नहीं जलाई जाएगी। 

प्रशासन के इस फैसले का बीजेपी नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'होलिका दहन रोकना अनुचित !!! इंदौर के जिला प्रशासन ने होली दहन नहीं करने के आदेश दिए हैं। ये बेहद आपत्तिजनक फैसला है। मेरा आग्रह है कि प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करे। इससे जनता की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी।' 

उधर पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे ने लगे प्रतिबंध के विरोध में सीएम शिवराज को पत्र लिखा है। मोघे ने लिखा है कि कोरोनाकाल की परेशानी देखते हुए होलिका दहन में लोगों की संख्या को सीमित करते हुए छूट देना उचित होगा। बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि होलिका दहन तो होगा ही। वे क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के निर्णय से असहमत हैं और उनके मोहल्ले में कोविड नियमों के पालन के साथ पर्व पूजन भी होगा। उन्होंने लिखा है कि, 'जिलाधीश जी आपका प्रकरण शिरोधार्य, डीआईजी आपका डंडा शिरोधार्य। 

बीजेपी नेताओं के विरोध के बावजूद प्रशासन ने आदेश में किसी तरह का संशोधन करने से इनकार कर दिया है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने इस बारे में कहा है कि धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध के फैसले का विरोध करने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी हमारी बात मान ली है। सभी विरोध करने वाले इस बात से सहमत हैं कि ये जनता के हित में फैसला है। उन्होंने एक बार फिर से दोहराया कि न होलिका दहन की इजाजत होगी और न शबे बारात में निकलने की। साथ ही धुलेंडी पर भी प्रतिबंध जारी रहेंगे।