गांधी चौपालों के जरिए भाजपा नेताओं की कुंडली बना रही है कांग्रेस, चुनाव पूर्व की गई घोषणाओं की पोल खोलने की तैयारी

2 अक्टूबर से प्रदेश भर में गांधी चौपालें शुरु की गई हैं। अब तक प्रदेश भर में 4 हजार से ज्यादा गांधी चौपालों का आयोजन हो चुका है। इन चौपालों में कांग्रेस के नेता फर्श पर बैठकर स्थानीय ग्रामीणों से संवाद और चर्चा कर रहे हैं।

Updated: Oct 26, 2022, 11:06 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। ग्रामीण मतदाताओं को साधने के लिए पार्टी व्यापक स्तर पर जनसंपर्क कर रही है। कांग्रेस की ओर से शुरू हुई गांधी चौपाल की प्रदेशभर में चर्चाएं हैं। ग्रामीण मतदाता काफी उत्साह के साथ गांधी चौपाल से जुड़ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि 2 अक्टूबर से लेकर अबतक प्रदेशभर में 4 हजार से अधिक गांधी चौपालों का आयोजन किया जा चुका है।

सादगीपूर्ण तरीके से लगाई जा रही इन चौपालों में गांवों के लोगों से कांग्रेस के नेता सीधे संवाद और चर्चा कर रहे हैं। खास बात ये है कि इन चौपालों के जरिए मुख्यमंत्री से लेकर राज्य और केन्द्र सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों द्वारा की गई घोषणाओं की जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। यानी चौपाल के माध्यम से कांग्रेस भाजपा नेताओं की कुंडली तैयार कर रही है। चुनाव पूर्व सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा किए गए घोषणाओं की पोल खोलने के लिए इसे तैयार किया जा रहा है।

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चौपाल पर ग्रामीणों के जरिए उन समस्याओं की भी सूची बनाई जा रही है जो लंबे समय से व्याप्त हैं। ताकि मिशन 2023 में भी पिछले चुनाव की तरह हर विधानसभा का एक घोषणा पत्र जारी किया जा सके। इसमें सत्ताधारी दल से उसके अब तक के शासन का हिसाब मांगा जाएगा और साथ ही क्षेत्र की समस्याओं का जिक्र करते हुए उनके निराकरण का वादा भी होगा। चौपाल के जरिए कांग्रेस हर विधानसभा का लेखाजोखा तैयार कर रही है। इसमें सत्ताधारी दल के एजेंट की तरह काम करने वाले अफसरों की सूची भी शामिल है।

गांधी चौपाल में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शिरकत कर सकते हैं। मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एक पखवाड़े से ज्यादा समय रहेगी। इस दौरान वे गांधी चौपाल में भी शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल भी गांधी चौपाल में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि इस बार टीम कमलनाथ का सारा फोकस डाटा जुटाने पर है।उपचुनाव में जिन सीटों पर सिंधिया समर्थक जीते हैं, वहां का डाटा भी एकत्र किया जा रहा है। उपचुनाव में जो वादे किए गए थे उनकी स्थिति पता लगाई जा रही है। ताकि चुनाव में उनके खोखले वादों की पोल खोली जा सके।