भोपाल। कहते हैं मर्ज़ बढ़ता हाई गया ज्यों ज्यों दवा की। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के मंत्रियों के कोरोना संक्रमित होने पर यह कहावत सटीक लागू होती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कह रहे हैं कि कोरोना से बचो। मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से मीटिंग करें। यहाँ तक कि शिलान्यास, शुभारम्भ कार्यक्रम भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से ही करें। खुद शिवराज अपनी कैबिनेट बैठक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से कर रहे हैं। मगर मंत्री उनकी नहीं सुन रहे हैं। वे खुल कर कोरोना नियमों को तोड़ कर राजनीतिक कार्यक्रम कर रहे हैं। प्रोटोकाल तोड़ कर भीड़ जुटा रहे हैं। और इस तरह नेता कोरोना फैला रहे हैं। 

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव शिवराज सरकार के कोरोना संक्रमित पाँचवें मंत्री हैं। इसके पहले अरविंद भदौरिया, तुलसी सिलावट, रामखेलावन पटेल और विश्वास सारंग  को कोरोना हो चुका है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। हालाँकि एक वक्त वो भी था जब मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ‘कोरोना से डरो ना’ का राग आलाप रहे थे। मगर कोरोना को हल्के में लेने वाली शिवराज की सरकार के मुख्यमंत्री के अलावा 5 मंत्री कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।

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मोहन यादव के पहले मध्यप्रदेश के जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल,सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया और चिकित्सा शिक्षा और गैस राहत मंत्री विश्वास सारंग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।

बीजेपी नेताओं ने तोड़े नियम 

बीजेपी सरकार ने कोरोना संक्रमण को संजीदगी से नहीं लिया। ना ही कोरोना गाइडलाइन का पालन किया। कांग्रेस से सत्ता हथियाने के बाद से ही बीजेपी को सत्ता का जो नशा चढ़ा, तो फिर उतरा ही नहीं, जब तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर नहीं आ गया। बीजेपी नेता रैलियां करते रहे, लोगों से मिलते रहे, चुनावी रणनीतियां बनाते रहे।

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बीजेपी का कुनबा बढ़ाने के लिए सैकडों लोगों को बीजेपी कार्यालय बुलाकर सदस्यता अभियान चलाया गया। इस दौरान लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ता गया। एक के बाद एक बीजेपी नेता कोरोना संक्रमित होते रहे तब जाकर बीजेपी की नींद खुली, जब कई नेता और मंत्री कोरोना की जद में आ चुके थे।

उपचुनाव की तैयारी के लिए कोरोना की अनदेखी

बीजेपी आगामी विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में इस कदर मशगूल हो गई कि उनके नेताओं न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही मास्क लगाया। और तो और अनलॉक होने के पहले भी मई में बाकायदा परमीशन देकर सैकड़ों कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल करवाने के लिए कई जिलों से भोपाल बुलवाया गया और बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। और जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो राजनीतिक कार्यक्रमों का दौर भी शुरू हो गया।

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भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम के लिए तय की गई गाइडलाइन का खुला उल्लंघन किया गया। क्या पार्टी कार्यकर्ता और क्या नेता मजाल है कि किसी के चेहरे पर फेस मास्क नजर आ जाए। इतना ही नहीं मंत्रियों में कोरोना संक्रमण की वजह से उनके परिवार और उनसे मिलने वालों की भी जान पर बन आई।

बीजेपी के कई नेताओं को हो चुका है कोरोना

प्रदेश में मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के अवाला कई बीजेपी नेता कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। संगठन महामंत्री सुहास भगत, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को कोरोना संक्रमण हो चुका है। वहीं धार विधायक नीना वर्मा, जावद से विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, सिरमौर से विधायक दिव्यराज सिंह और टीकमगढ़ के विधायक राकेश गिरी गोस्वामी के नाम शामिल हैं। वहीं हाल ही में जीतू जिराती कोरोना संक्रमित हुए थे।