सतना। मध्यप्रदेश के सतना में कोरोना कर्फ्यू तोड़ने वालों के लिए अनोखी सजा मुक़र्रर की गई है। जिले में अनावश्यक बाहर घूम रहे लोगों से श्री राम नाम लेखन पुस्तिका भरवाया जा रहा है। सतना के पुलिस अधिकारी संतोष सिंह लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को यह सजा दे रहे हैं। हालांकि, सतना एसपी ने इस सजा को गैरकानूनी बताया है।

सतना के कोलगवां थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर संतोष सिंह ने इस अजीबोगरीब सजा देने की शुरुआत की है। सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद कई लोग ऐसे हैं, जो अनावश्यक रूप से सड़कों पर घूम रहे हैं। ऐसे लोगों को पुलिस अलग-अलग तरीके से दंडित करती है। पहले हम उनसे दंड बैठक करवाते थे या फिर 1 घंटे बिठाकर रखते थे। लेकिन अब उनसे पांच पन्नों पर राम नाम लिखने की सजा दी जा रही है ताकि उन्हें सद्बुद्धि मिल सके।

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संतोष सिंह ने कहा कि पांच पन्नों पर भगवान राम का नाम लिखने में 30-45 मिनट का समय लगता है। भगवान राम का नाम लिखवाने के बाद हम उन्हें घर पर रहने और परिजनों की देखभाल करने की सलाह देते हैं। संतोष ने दावा किया कि राम नाम लिखने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है। हम इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि यह सजा किसी के धार्मिक विश्वास के खिलाफ न हो। उन्होंने बताया कि बीते 3-4 दिनों में करीब 25 लोगों को इस तरह से दंडित किया गया है। 

इस अजीबोगरीब सजा का आईडिया कैसे आया इस बारे में संतोष ने बताया कि, 'एक समुदाय के लोगों ने हमें कई श्री राम नाम लेखन पुस्तिका भेंट किया था। इसके बाद मैने सोचा कि कर्फ्यू तोड़ने वालों को खाली बिठाकर रखने से अच्छा है उनसे राम नाम लिखवाया जाए, ताकि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें।' सोशल मीडिया पर यह सजा चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोग इसका स्वागत कर रहे हैं, तो कई लोगों का मानना है कि यह तरीका ठीक नहीं है।

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सतना के एसपी धर्मवीर सिंह ने भी सजा के इस तरीके को गलत बताया है। सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। एसपी ने कहा, 'हमारे पास 20 ऐसे चेक प्वाइंट हैं, जहां दो अधिकारी अलग-अलग शिफ्ट में सभी चेक प्वाइंट पर तैनात किए गए हैं। एक अधिकारी ने अपने मन से यह तरीका अपनाया था। यह पेशेवर या कानूनी नहीं है और इसकी सराहना नहीं की जा सकती है। इंस्पेक्टर को कानूनी और पेशेवर बातों का पालन करना चाहिए।'