शिवपुरी। मध्यप्रदेश कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन के भयंकर किल्लत से जूझ रहा है। राज्य में हर दिन ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबरें सामने आ रही है। ऐसा ही एक दिल दहलाने वाला मामला शिवपुरी जिला अस्पताल से सामने आया है जहां ऑक्सीजन न मिलने की वजह से एक सरकारी शिक्षक ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। इस घटना का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि वार्ड बॉय ने मरीज का ऑक्सीजन सपोर्ट हटा दिया था।
जानकारी के मुताबिक पिछोर के दुर्गापुर निवासी शासकीय शिक्षक सुरेंद्र शर्मा 11 अप्रैल को सांस लेने की तकलीफ के बाद जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हुए थे। मंगलवार रात करीब 11 बजे उन्हें काफी तकलीफ हो रही थी, उसी दौरान वहां एक वार्डबॉय आया। उसने अपने हाथों में दास्तान पहनकर उनके सीने को सहलाया और वहीं मौजूद एक नर्स ने ऑक्सीजन सप्लाई का स्विच बंद कर दिया।
इसके बाद वार्डबॉय ऑक्सीजन मशीन लेकर किसी दूसरे मरीज को लगाने चला गया। इस दौरान सांस लेने के लिए वह बुरी तरह से तड़पते रहे लेकिन किसी ने उनपर ध्यान नहीं दी। सीसीटीवी वीडियो में देखा जा सकता है कि वे असहनीय पीड़ा होने पर सुरेंद्र शर्मा अपना सिर घुटनों के बीच फंसा रहे हैं तो कभी सिर पटक रहे हैं। आखिरकार इसी तरह उन्होंने तड़पते हुए दम तोड़ दिया।
मृतक के बेटे दीपक का आरोप है कि अगले सुबह जब वे 8 बजे अस्पताल पहुंचे तो पिता की हालत बेहद खराब हो चुकी थी। उन्होंने डॉक्टर और नर्स से मदद मांगी लेकिन किसी ने नहीं सुना। डॉक्टर ने तो दीपक की बातों को गंभीरता से लिया ही नहीं। इस दौरान उन्होंने पिता को आईसीयू में ले जाना चाहा लेकिन स्ट्रेचर तक नहीं मिला। अंत में उन्होंने पीठ पर पिता को ले जाने की कोशिश की।
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इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन अपने ही बयानों में फंसता दिख रहा है। मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ केबी शर्मा ने शुरुआत में ऑक्सीजन हटाने के बात से सीधे मुकर गए। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीज सुरेंद्र शर्मा की ऑक्सीजन नहीं हटाई गई। उनकी हालत बेहद खराब थी और हम उन्हें बचा नहीं सके। परिजन जब सीसीटीवी फुटेज निकालने पर अड़ गए तब जाकर इसका भंडाफोड़ हुआ। सीसीटीवी में वार्डबॉय स्पष्ट रूप से उनका ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाता दिखा।
सीसीटीवी फुटेज आने के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले पर लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अक्षय निगम ने कहा कि मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं थी। इसलिए नर्स के कहने पर पॉर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वार्ड बॉय ने निकाली। अस्पताल द्वारा दिए गए दो अलग बयानों ने मामले को और संदिग्ध बना दिया। उधर इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दबाव बढ़ता देख डीन ने जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया है।