कोरोना को भगाने के लिए अस्पताल करवा रहा यज्ञ, उधर लाशें जलाने के लिए नहीं है लकड़ियां

गुजरात का कोरोना से बुरा हाल, अहमदाबाद के सबसे बड़े अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं, सूरत में कोरोना को भगाने के लिए सरकारी अस्पताल में किया गया यज्ञ

Publish: Apr 14, 2021, 07:26 AM IST

Photo Courtesy: TOI
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सूरत। गुजरात में कोरोना की स्थिति बेहद भयावह है। राज्य की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां हर एक मिनट में चार से ज्यादा नए कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं, वहीं हर एक घंटे में तीन मरीजों की मौत हो रही है। राज्य के बड़े शहरों में लाशें जलाने के लिए श्मशान में कतार लगी हुई है। खबर है कि शमशान में लकड़ियां कम पड़ रही हैं। इसी बीच सूरत के एक अस्पताल से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां सरकारी अस्पताल में कोरोना को भगाने के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूरत के सरकारी कोविड-19 अस्पताल में आर्य समाज के लोगों ने यज्ञ किया ताकि कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सके। आर्य समाज ने यह यज्ञ अस्पताल प्रबंधन के कहने पर किया था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने आर्य समाज के अध्यक्ष के हवाले से बताया कि अस्पताल के डीन ने हमें यहां यज्ञ करने के लिए बुलाया था। उन्होंने बताया कि इसके पहले वे रामनाथ घेला और कुरुक्षेत्र के शमशान घाटों पर भी यज्ञ कर चुके हैं।

गुजरात में बीते 24 घंटे में 6 हजार 690 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। सूरत में एक हजार और अहमदाबाद में 2200 से ज्यादा लोग मंगलवार को पॉजिटिव पाए गए हैं। कुछ यही स्थिति अन्य शहरों पोरबंदर, राजकोट और गांधीनगर में भी है। अहमदाबाद के सभी अस्पताल में बेड्स फूल हैं। अस्पतालों के बाहर मरीजों से भरे एम्बुलेंस की कतारें लगी हुई है। बेड खाली होने का इंतजार करते-करते मरीज दम तोड़ रहे हैं। 

यह बेहद चिंताजनक स्थिति है कि जिस राज्य में मरीजों को ऑक्सिजन नहीं मिलने के कारण मौत हो रही है। अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हैं। एम्बुलेंस में ही मरीज इलाज के अभाव में तड़प-तड़पकर मर रहे हैं। मौत के बाद भी अंतिम संस्कार के उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वहां स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ करने के बजाय विज्ञान के इस युग में अस्पताल प्रबंधन द्वारा यज्ञ के बदौलत कोरोना को काबू पाने की रणनीति तैयार हो रही है।