पद्मश्री से सम्मानित चित्रकार जोधइया अम्मा का निधन, बैगा चित्रकारी को दुनियाभर में दिलाई पहचान
उमरिया की रहने वाली जोधईया बाई का रविवार की शाम निधन हो गया। वह पिछले 11 महीनों से बीमार चल रही थीं। इस साल 24 जनवरी को उन्हें पैरालाइसिस का अटैक हुआ था।
उमरिया। पद्मश्री से सम्मानित बैगा चित्रकारी की प्रसिद्ध कलाकार जोधइया बाई का निधन हो गया।रविवार शाम करीब 6 बजे उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वह उमरिया जिले के लोढ़ा गांव की रहने वाली थीं। गृह ग्राम में ही उनका निधन हुआ।
जोधइया अम्मा लंबे समय से बीमार थीं। इस साल 24 जनवरी को उन्हें पैरालाइसिस का अटैक हुआ था, जिसके बाद उनके शरीर का दाहिना हिस्सा प्रभावित हो गया था। साल 2022 में जोधईया बाई को राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान दिया गया था। इसके बाद साल 2023 में उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
जोधइया बाई को 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की और उनका हालचाल पूछा। जोधइया बाई ने प्रधानमंत्री से कहा था कि उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है। इसके कुछ समय बाद उन्हें आवास प्रदान किया गया।
जोधइया अम्मा के दो बेटे थे। बड़े बेटे की अगस्त 2023 और छोटे बेटे की मौत अगस्त 2024 में हो गई थी। परिवार में अब दो बहुएं, दो नाती और तीन नातिन है। एक बेटी है, जिसकी शादी हो गई है। जोधइया अम्मा की बनाई पेंटिंग विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। उनकी इस प्रसिद्धि के पीछे लंबा संघर्ष था। पति की मौत बाद अम्मा ने बच्चों के लालन पालन के लिए मजदूरी की, फिर जनजातीय कला की बारीकियां सीखकर यह मुकाम हासिल किया।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जोधइया अम्मा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा कि उमरिया जिले के ग्राम लोधा से सुप्रसिद्ध बैगा चित्रकार पद्म श्री जोधइया बाई के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। मध्यप्रदेश के साथ देश ने भी एक ऐसी कलाकार को खो दिया, जिन्होंने पूरा जीवन जनजातीय संस्कृति, कला व परंपराओं पर आधारित चित्रकला को देश-विदेश में एक पहचान दिलाई। जनजातीय चित्रकला और समर्पण के माध्यम से आप सदैव याद की जाएंगी। बाबा महाकाल से दिवंगत की पुण्यात्मा को शांति प्रदान करने और परिजनों व प्रशंसकों को अपार दु:ख सहन करने की प्रार्थना करता हूं।'