राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के पैरेंट्स ने की आत्महत्या, दिग्विजय सिंह ने ED पर लगाए गंभीर आरोप

मृतक दंपत्ति के बच्चों ने कहा कि ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है।

Updated: Dec 13, 2024, 02:22 PM IST

आष्टा। सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा ने आत्महत्या कर ली।मृतक दंपत्ति का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला है। 8 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। इसे लेकर वह मानसिक रूप से परेशान थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।

मनोज और नेहा परमार के तीन बच्चे हैं। एक 18 वर्ष की बेटी जिया, 16 वर्ष का बेटा जतिन और 13 साल का यश। जतिन ने कहा कि ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है। ये बच्चे उस समय सुर्खियों में आए थे तब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता को अपनी गुल्लक भेंट की थी। राहुल गांधी ने इन बच्चों से मुलाकात की थी और गुल्लक स्वीकार भी किया था। इसके बाद इन बच्चों की पहचान गुल्लक टीम के रूप में होने लगी थी।

आरोप है कि इस घटना की वजह से कारोबारी मनोज परमार भी शासन के निशाने पर आ गए। 8 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। इसे लेकर वह मानसिक रूप से दबाव में थे।एसडीओपी आकाश अमलकर के मुताबिक, मौके से पांच पेज का सुसाइड नोट मिला है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें क्या लिखा है?

मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि आष्टा सिहोर जिला मप्र के मनोज परमार को बिना कारण ED द्वारा परेशान किया जा रहा था। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल जी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ED के Astt Director भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है। मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि आज उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्म हत्या कर ली। 

दिग्विजय सिंह ने इस प्रकरण में Director ED से निष्पक्ष जाँच की मांग की है। सिंह ने ये भी कहा कि मनोज को इसलिए परेशान किया जा रहा था क्योंकि उसके बच्चों ने भारत जोड़ो यात्रा में ⁦राहुल गांधी को अपनी बचत से गुल्लक भेंट की थी। इन बच्चों का जो आज अनाथ हो गये हैं हम पूरा ख़याल रखेंगे।

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परिजनों ने बताया कि मनोज गुरुवार को पत्नी और बच्चों के साथ सुसनेर के पास बगलामुखी मंदिर में दर्शन करने गए थे। रात करीब 8 बजे घर लौटे। शांति नगर स्थित एक मकान में तीनों बच्चों को सुला दिया। इसी मकान के पास बने दूसरे मकान में पत्नी नेहा के साथ सोने चले गए।

शुक्रवार सुबह काफी देर तक दोनों नहीं आए तो बड़ा बेटा जतिन वहां देखने पहुंचा। कमरे का दरवाजा अटकाभर था। अंदर जाकर देखा तो माता-पिता फंदे पर लटके थे। उसने अन्य परिजन को जानकारी दी। पुलिस को भी फोन लगाया। सुबह करीब 8:30 बजे मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया।